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Edible oil prices : देश में खाद्य तेलों की पाइपलाइन में काफी कम स्टॉक, नवरात्रि और शादियों में बढ़ने वाली है डिमांड, जानिए भाव

Edible oil prices : जबतक पाम, पामोलीन के भाव सूरजमुखी से पर्याप्त कम नहीं होंगे, तब तक खाद्य तेलों की आपूर्ति की स्थिति नहीं सुधरने जा रही है।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Apr 02, 2024 23:39 IST, Updated : Apr 02, 2024 23:39 IST
खाद्य तेलों के भाव
Photo:FILE खाद्य तेलों के भाव

Edible oil prices : विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख तथा खाद्य तेलों की कम आपूर्ति (शॉर्ट सप्लाई) के कारण मंगलवार को देश के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतें मजबूत बंद हुईं। जबकि सुस्त कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए। शिकागो एक्सचेंज लगभग ढाई प्रतिशत तेज चल रहा है। जबकि मलेशिया एक्सचेंज में भी लगभग 1.75 प्रतिशत सुधार चल रहा है। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में बाजार तेज रहने तथा स्थानीय आपूर्ति कम रहने की वजह से खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में सुधार है।

पाइपलाइन में है काफी कम तेल

उन्होंने कहा कि देश में खाद्य तेलों की पाइपलाइन में काफी कम तेल है। ऐसे समय में नवरात्र और शादी विवाह की मांग बढ़ने वाली है। जो लोग पाइपलाइन में पर्याप्त तेल होने का दावा कर रहे थे, उन्हें जिम्मेदार ढंग से सोचना होगा कि खाद्य तेल कहां गये? सूत्रों ने कहा कि जब तक पाम, पामोलीन के भाव सूरजमुखी से पर्याप्त कम नहीं होंगे, जब तक खाद्य तेलों की आपूर्ति की स्थिति नहीं सुधरने जा रही है। पाम, पामोलीन की कमी की पूर्ति देश के सरसों, मूंगफली, देशी सूरजमुखी, बिनौला और सोयाबीन से करना मुश्किल है। क्योंकि लागत और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) अधिक होने की वजह से इन देशी तेलों के दाम काफी अधिक हैं।

सस्ते आयातित तेलों से किसानों को नुकसान

उन्होंने कहा कि इस बात की ओर ध्यान देना होगा कि लगभग 30 वर्ष पहले खाद्य तेलों का क्या भाव था और मौजूदा भाव में क्या कोई खास वृद्धि हुई है। अगर खाद्य तेलों के दाम बांधे रखेंगे तो तिलहन उत्पादन सीधा प्रभावित होगा। मूंगफली और सोयाबीन उत्पाद का जो हाल हुआ है उससे इनकी खेती आगे जाकर प्रभावित होने की आशंका है। ये दोनों ही तिलहन, सस्ते आयातित तेलों के थोक भाव कम होने के कारण एमएसपी से नीचे दाम पर बिके और पेराई के बाद मिलवालों के तेल खप नहीं रहे, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

  • सरसों तिलहन - 5,400-5,440 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मूंगफली - 6,130-6,405 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,850 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मूंगफली रिफाइंड तेल 2,250-2,525 रुपये प्रति टिन।
  • सरसों तेल दादरी- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सरसों पक्की घानी- 1,760-1,860 रुपये प्रति टिन।
  • सरसों कच्ची घानी- 1,760 -1,875 रुपये प्रति टिन।
  • तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,800 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,500 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,100 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सीपीओ एक्स-कांडला- 9,300 रुपये प्रति क्विंटल।
  • बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,700 रुपये प्रति क्विंटल।
  • पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,800 रुपये प्रति क्विंटल।
  • पामोलिन एक्स- कांडला- 9,800 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन दाना - 4,700-4,720 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन लूज- 4,500-4,540 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।

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