देश का मध्यम वर्ग बीते एक साल से महंगाई के करंट से कांप रहा है। कभी पेट्रोल, तो बिजली तो कभी बाहर घूमना फिरना, बढ़ते टैक्स से लेकर विभिन्न कारणों के चलते हर दिन किसी न किसी चीज की महंगाई की खबर हमारे कानों से आ टकराती है। लेकिन महंगाई (Inflation) की सबसे ज्यादा तपिश रसोई घर को झुलसा रही है। शाक सब्जी, अनाज, मांस मछली से लेकर गैस सिलेंडर तक सब कुछ महंगा हो चुका है। लेकिन क्या आपको पता है कि शाकाहारी (Veg)और मांसाहारी (Non-Veg) में से ज्यादा मार किस पर पड़ी है।
इसका जवाब रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में सामने आया है। क्रिसिल ने पता लगाने का प्रयास किया है कि कौन सी थाली की कीमत में ज्यादा इजाफा हुआ है। क्रिसिल के अनुसार बीते एक साल में थाली की कीमत में काफी बढ़ोतरी हुई है। खास बात यह है कि वेज थाली से ज्यादा कीमत नॉनवेज थाली की बढ़ी है।
कहां कितना असर
क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार वेज थाली सालाना आधार पर 9 फीसदी महंगी हो गई है। दूसरी ओर मांसाहारी यानि नॉनवेज थाली की कीमत में भारी भरकम 32 फीसदी से अधिक का उछाल आया है। क्रिसिल ने रिपोर्ट में बताया है कि थाली की औसत कीमत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में कीमतों के आधार पर की जाती है।
जानिए क्या-क्या हुआ महंगा
क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि थाली की कीमतों में बदलाव अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस की कीमतें में चेंजेज के चलते होता है। बीते साल के 8 महीने आम लोगों के लिए काफी तकलीफदेह रहे हैं। अप्रैल से दिसंबर 2022 के दौरान गेहूं, चिकन, रसोई गैस और खाद्य तेल की ऊंची कीमतों के चलते थाली की औसत कीमत हर महीने बढ़ी थी।
चिकन हुआ 55% तक महंगा
क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि सबसे बुरी मार नॉनवेज थाली पर पड़ी है। एक आम मध्यमवर्ग की नॉनवेज थाली की कीमत 32 फीसदी से अधिक बढ़ी है। सबसे अधिक प्रभाव ब्रॉयलर (चिकन) पर पड़ा है। इसकी कीमत में 55 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह बढ़ोत्तरी मुर्गियों के चारे की कीमत बढ़ने से आई है। इसके चलते नॉनवेज थाली की कीमत काफी बढ़ गई। उत्पादन में गिरावट के कारण गेहूं के आटे की कीमत में करीब 15 फीसदी सालाना का इजाफा हुआ है। इसके अलावा खाद्य तेलों की कीमतों में 6 फीसदी का इजाफा हुआ है।
LPG के दाम 20% बढ़े
वेज और नॉनवेज थाली में महंगाई का कॉमन कारण गैस की कीमतों का दर्ज किया गया है। बीते साल एलपीजी की कीमतों में इजाफे से भी थाली की कीमत बढ़ी है। एलपीजी की कीमतें बीते साल के मुकाबले 20 फीसदी बढ़ गई है।
अब घट रही है कीमत
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जनवरी के बाद से कीमतों में गिरावट थमी है। अप्रैल 2023 में वेज थाली की कीमत सपाट रही। वहीं, नॉनवेज थाली की कीमत 2 फीसदी घटी है। अप्रैल 2023 में वनस्पति तेल की कीमतों में 16 प्रतिशत तो ब्रॉयलर की कीमत में 2-4 फीसदी की गिरावट रही। इससे महंगाई से कुछ राहत मिली।