अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता लिमिटेड ने कर्ज में कमी और डेवलपमेंट योजनाओं के लिए क्यूआईपी, ओएफएस और डिविडेंड के जरिए करीब 30,000 करोड़ रुपये का एक फंड तैयार किया है। वेदांता लिमिटेड के 8,500 करोड़ रुपये के क्यूआईपी, हिंदुस्तान जिंक के 3,200 करोड़ रुपये के ओएफएस और दूसरे अंतरिम डिविडेंड से 5,100 करोड़ रुपये की इनकम होने के साथ 13,000 करोड़ रुपये के मौजूदा नकद भंडार से कंपनी को पैसा मिलने के बाद 30,000 करोड़ रुपये का ये फंड तैयार होगा।
लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है कंपनी
एक एक्सपर्ट ने कहा कि वेदांता इन पैसों का इस्तेमाल अपने बही-खाते को तेजी से सुधारने, पूंजी संरचना में सुधार करने और अपने बड़े प्रोजेक्ट के विकास के लिए कर सकती है। इससे उसके निकट-अवधि के 10 अरब डॉलर के EBITDA टारगेट को पाने का रास्ता तैयार होगा और विस्तार अवसरों का लाभ उठाया जा सकेगा। वेदांता ने मजबूत तिमाही आंकड़े पेश करना जारी रखा है।
वेदांता का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 54 प्रतिशत बढ़ा
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वेदांता का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 54 प्रतिशत बढ़ा जबकि तिमाही आधार पर ये दोगुने से ज्यादा 5,095 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने लांजीगढ़ में अबतक का सबसे ज्यादा एल्युमिना उत्पादन दर्ज किया और जिंक इंडिया यूनिट में धातु उत्पाद का खनन किया। इसने संरचनात्मक परिवर्तनों और अन्य पहल के कारण उत्पादन की कुल लागत को 20 प्रतिशत कम कर दिया। जून, 2024 तक खनन क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी का कर्ज 6,130 करोड़ रुपये था।
कर्ज घटाने के लिए सही दिशा में कदम बढ़ा रही है कंपनी
फरवरी और जून के बीच नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर के प्राइवेट प्लेसमेंट और प्रोमोटर हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त इनकम भी निकट अवधि में ग्रुप-लेवल पर कर्ज में कमी लाने में योगदान देगी। सूत्रों के मुताबिक, रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री, कर्ज में कमी और परिचालन दक्षता को अनुकूलित करने के मेल से यह संकेत मिलता है कि वेदांता का कर्ज घटाने और मुक्त नकदी प्रवाह उत्पन्न करने की दिशा में कदम सही दिशा में है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ