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देश की इस कंपनी ने राजनीतिक दलों को 155 करोड़ रुपये का चंदा दिया, बीते पांच सालों में 457 करोड़ बांटे

जिन पंजीकृत राजनीतिक दलों को पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में एक प्रतिशत या उससे अधिक वोट मिले हैं, वे ही चुनावी बॉन्ड से चंदा पाने के लिए पात्र हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: June 25, 2023 13:14 IST
चुनावी बांड- India TV Paisa
Photo:FILE चुनावी बांड

अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के खनन समूह वेदांता लिमिटेड ने मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को 155 करोड़ रुपये का चंदा दिया। कंपनी की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि इससे पहले 2021-22 में कंपनी ने 123 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। हालांकि, इसमें लाभ पाने वाले राजनीतिक दलों के नाम नहीं बताए गए। मोदी सरकार ने 2017-18 में चुनावी फंडिंग के लिए चुनावी बांड की व्यवस्था शुरू की थी। कोई भी व्यक्ति भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से चुनावी बांड खरीद सकता है और इसे किसी भी राजनीतिक दल को दान कर सकता है। फिर राजनीतिक दल उन्हें भुनाते हैं। पिछले पांच वर्षों में, वेदांता ने चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को कुल 457 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। 

मार्च, 2018 में चुनावी बॉन्ड की शुरुआत की गई थी 

आपको बता दें कि मार्च, 2018 में चुनावी बॉन्ड की शुरुआत हुई थी। राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बांड को पेश किया गया है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने चुनावी बांड की 26वीं किस्त जारी करने को मंजूरी दी थी। एसबीआई ने सूचना का अधिकार कानून के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि ज्यादातर चुनावी बॉन्ड एक करोड़ रुपये के बिके। दूसरी ओर दस लाख, एक लाख, दस हजार और एक हजार के कम मूल्यवर्ग वाले बॉन्ड की कुल हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से भी कम थी। चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में एसबीआई ने बताया कि बेचे गए कुल बॉन्ड में लगभग 93.5 प्रतिशत एक करोड़ रुपये मूल्यवर्ग के थे। मूल्य के लिहाज से एक लाख, दस हजार और एक हजार मूल्यवर्ग के बॉन्ड की हिस्सेदारी 0.25 प्रतिशत से भी कम थी। एसबीआई को 29 अधिकृत शाखाओं के जरिये चुनावी बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है। 

किन राजनीतिक पार्टियों को मिलता है फायदा

जिन पंजीकृत राजनीतिक दलों को पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में एक प्रतिशत या उससे अधिक वोट मिले हैं, वे ही चुनावी बॉन्ड से चंदा पाने के लिए पात्र हैं। यानी इस बॉन्ड का फायदा लेने के लिए कम से कम एक प्रतिशत वोट पाना जरूरी है। 

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