US (अमेरिका) में महंगाई ने 40 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जून में महंगाई बढ़कर 9.1% पर पहुंच गई। यहां के लेबर डिपार्टमेंट ने यह आंकड़ा जारी किया है। महंगाई का यह लेवल 1981 के बाद सबसे अधिक है। अमेरिका में रिकॉर्ड महंगाई पहुंचने के बाद अमेरिकी केंद्रीय बैंक यानी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में अक्रामक वृद्धि की संभावना बढ़ गई है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाली मौद्रिक पॉलिसी में अमेरिकी फेड ब्याज दरों में 100 से लेकर 75 बेसिस प्वाइंट की बड़ी बढ़ोतरी कर सकता है।
भारतीय बाजार में आ सकती है बड़ी गिरावट
अमेरिका में महंगाई रिकॉर्ड हाई पहुंचने पर हाउ जोंस फ्यूचर करीब 300 अंक टूटकर कारोबार कर रहा है। यह गिरावट अभी आने वाले समय में और बढ़ सकती है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अमेरिकी आंकड़ों का असर कल यानी गुरुवार को भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल सकता है। वैसे भी कल वीकली एक्सपायरी होने से बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की आशंका है। अब अमेरिकी में रिकॉर्ड महंगाई से बाजार का माहौल और निगेटिव कर दिया है। इससे भारतीय बाजार में भी बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसे में निवेशक कल सावधानी से ट्रेड करें। छोटे निवेशक बाजार से दूरी बनाकर ही रहें।
इन कारणों से बढ़ी महंगाई
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में गैस, खाने-पीने के सामान महंगा होने और किराए बढ़ने से जून में अमेरिकी मुद्रास्फीति को चार दशक के नए शिखर पर पहुंचा गई। हालांकि, इसके साथ ही शिपिंग की लागत और कमोडिटी की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है लेकिन वेतन वृद्धि धीमी हो गई है। यह आर्थिक सुस्ती का संकेत दे रहा है। वहीं, भारत में जून महीने में खुदरा महंगाई में मामूली राहत मिली है लेकिन यहां भी यह रिजर्व बैंक के लक्ष्य से काफी ऊपर बना हुआ है। भारत में जून में खुदरा महंगाई मामूली घटकर 7.01 प्रतिशत रही।