भारत की मेट्रो सिटीज में घर का किराया (Rent) पिछले दिनों काफी तेजी से बढ़ा है। राजधानी दिल्ली में जो फ्लैट 2 साल पहले 15 हजार रुपये महीने रेंट पर मिल जाता था, वह अब 30 हजार रुपये महीने रेंट में मिल रहा है। लेकिन यह समस्या सिर्फ भारत में हो, ऐसा नहीं है। सुपर पावर अमेरिका में भी लोग तेजी से बढ़ते रेंट से परेशान हैं। इसके चलते अमेरिका में बेघर लोगों (Homelessness) की संख्या इस साल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। बीते कुछ वर्षों से अमेरिका में घर लेना आम आदमी के बूते से बाहर हो गया है। आवास और शहरी विकास विभाग की एक सालाना रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की शुरुआत में बेघरों की संख्या पिछले साल की तुलना में 12% बढ़ गई।
बेघर थे 6,50,000 लोग
'पॉइंट-इन-टाइम' अनुमान के रूप में जाना जाने वाला यह सालाना सर्वे पिछली जनवरी में एक रात में अमेरिका भर में कितने व्यक्ति शेल्टर, अस्थायी आवास या खुले में आसमान के नीचे रहे, इसकी संख्या पर आधारित है। सर्वे में पाया गया कि उस रात 6,50,000 से अधिक लोग बेघर थे। यह साल 2007 में रिपोर्टिंग शुरू होने के बाद से सबसे अधिक था।
अश्वेत लोगों में बेघरों की संख्या अधिक
रिपोर्ट में पाया गया कि अमेरिका में सभी प्रकार की हाउसहोल्ड कैटेगरीज में बेघरों की संख्या बढ़ी है। हालांकि, अश्वेत लोगों में बेघरों की संख्या अधिक है। अश्वेत लोग अमेरिकी आबादी का लगभग 13% हिस्सा हैं। लेकिन बेघर लोगों में उनका अनुपात 37% है। साल 2022 और 2023 के बीच एशियाई या एशियाई-अमेरिकी आबादी में बेघर होने की दर सबसे अधिक बढ़ी है। इसमें 40% का उछाल आया है।
किराये का घर लेना हुआ पहुंच से बाहर
अमेरिका में पिछले कुछ वर्षों से घर का किराया काफी बढ़ गया है। लैटिन समुदाय में बेघरों की सख्या सबसे अधिक बढ़ी है। पिछले साल की तुलना में इस साल 2023 में 28 फीसदी अधिक लैटिन लोग बेघर हुए हैं। इस आबादी ने अमेरिका में बेघर लोगों के कुल इजाफे में 55 फीसदी हिस्सेदारी निभाई है। इस साल 39,106 अतिरिक्त लैटिन लोग बेघर हो गए। सर्वे के अनुसार पहली बार बेघर होने वाले लोगों की संख्या में भी भारी उछाल आया है। फेडरल फिस्कल ईयर 2021 और 2022 के बीच बेघर हुए नए लोगों की संख्या में 25 फीसदी का इजाफा हुआ।