दुनिया की आर्थिक महाशक्ति अमेरिका (America) अपने बढ़ते कर्ज को लेकर टेंशन में है। बाइडन (Joe Biden) प्रशासन के दौरान बढ़ते खर्च के चलते यह देश कर्ज के विशाल ढेर पर बैठा है। जिसके चलते इसके डिफॉल्ट होने का खतरा भी बढ़ गया है। हालांकि अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने अमेरिका के डिफॉल्ट होने के खतरे को सिरे से नकार दिया है। हालांकि येलेन ने यह जरूर कहा कि यदि अमेरिकी अर्थव्यवस्था डिफॉल्ट होती है, तो यह किसी आपदा या तबाही से कम नहीं होगा।
येलेन ने यह बयान जापान के निगाता में दिया है। दुनिया के सात अमीर देशों (G7) के नेताओं की बैठक बृहस्पतिवार को यहां शुरू हुई। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जबकि अमेरिका में ऋण सीमा को लेकर गतिरोध और संभावित चूक का खतरा मंडरा रहा है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा झटका हो सकता है। अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा कि निगाता (जापान के समुद्र तट पर एक बंदरगाह शहर) में उनकी शीर्ष प्राथमिकता दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय ऋण पर गतिरोध को लेकर भरोसा बहाल करने पर होगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चूक (डिफॉल्ट) की कल्पना नहीं की जा सकती। अमेरिका कभी चूक नहीं कर सकता। यह एक बड़ी आपदा या तबाही होगी।’’ जापान में येलेन अपने समकक्षों को हाल में अमेरिका में बैंक डूबने को लेकर भरोसा दिलाने का प्रयास करेंगी। अमेरिका में बैंकों की विफलता से वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए जोखिम पैदा हुआ है।