US FED Hikes: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए बुधवार को अपनी बेंचमार्क उधार दर को 2001 के बाद से उच्चतम स्तर पर बढ़ा दिया तथा आगे और बढ़ोतरी की संभावना का संकेत दिया। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने बताया कि ब्याज दर को 5.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया गया है, यह कहते हुए कि वह अतिरिक्त जानकारी और मौद्रिक नीति के लिए इसका आकलन करना जारी रखेगा। दर-निर्धारण फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) ने जून में दरों को स्थिर रखने के लिए मतदान करते समय इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था। उनके हाल के बयान से पता चलता है कि नीति निर्माता सितंबर में अपनी अगली बैठक में एक बदलाव पर विचार कर सकते हैं।
फेड ने बढ़ाई ब्याज दर?
हालांकि, फेड ने यह भी कहा कि वह अतिरिक्त नीति निर्धारण की सीमा निर्धारित करने में डेटा बिंदुओं की एक सीरिज का आकलन करेगा, जो इंगित करता है कि वे आगे और अधिक मौद्रिक सख्ती देखने को मिल सकती है। यह इस वर्ष जून में पिछली FOMC बैठक में दो अतिरिक्त दरों में बढ़ोतरी के औसत पूर्वानुमान के अनुरूप होगा। बढ़ती कीमतों के जवाब में पिछले मार्च में आक्रामक अभियान शुरू करने के बाद से फेड की 11 वीं वृद्धि है। पिछले साल चरम पर पहुंचने के बाद से अमेरिकी महंगाई धीमी बनी हुई है, लेकिन यह अभी भी फेड के दो प्रतिशत के दीर्घकालिक लक्ष्य से ऊपर है। यह सुझाव देता है कि अधिक नीतिगत कार्रवाई की आवश्यकता हो सकती है।
पिछली बार नहीं किया था बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रास्ते पर चलते हुए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने जून की अपनी मौद्रिक समिति की बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। US Fed ने ब्याज दर को 5.25% पर बरकरार रखने का फैसला किया है। हालांकि, फेड ने महंगाई को देखते हुए आगे बढ़ोतरी से इनकार नहीं किया है। आपको बता दें कि इससे पहले लगातार 10 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी, जिसके चलते ब्याज दर 2007 के बाद रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई थी। अमेरिकी केंद्रीय बैंक के इस फैसले का दुनिया भर के शेयर बाजारों पर देखने को मिल सकता है। फेड के फैसले के बाद डाउ जोंस में बिकवाली देखने को मिल रही। कल भारतीय बाजार पर भी असर देखने को मिलेगा। बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।
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