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अमेरिका में तूफान ला सकता है आज रात आने वाला फैसला, भरभराकर गिरने को तैयार 186 बैंक

अमेरिका मार्च 2022 के बाद से ब्याज दरों में 4.5 फीसदी का इजाफा कर चुका है। प्रमुख ब्याज दर बढ़ने से सरकारी बॉन्ड जैसी सिक्योरिटीज पर यील्ड बढ़ता है। जैसे-जैसे यील्ड बढ़ता है, पुरानी सिक्योरिटीज की मार्केट वैल्यू घटती जाती है।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: March 22, 2023 16:16 IST
SVB bank- India TV Paisa
Photo:AP SVB bank

दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था अमेरिका इस समय गंभीर बैंकिंग संकट से जूझ रहा है। अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक से शुरू हुआ संकट अब तक तीन बैंकों को लील चुका है। ताजा रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका के 186 बैंक इस कतार में खड़े हुए हैं। अमेरिका का सेंटल बैंक फेडरल रिजर्व बीते साल अप्रैल से आक्रामक रूप से ब्याज दरें बढ़ रहा है। अब पूरे देश सहित दुनिया भर की निगाहें बुधवार रात होने वाली फेड की बैठक पर है। यही फेड एक बार फिर ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोत्तरी करता है तो यह वहां के बैंकिंग सिस्टम के लिए किसी तबाही से कम नहीं होगा। 

अमेरिका से यूके तक बैंकिंग संकट (Banking crisis) क्या खत्म हो गया है? जवाब है नहीं। उल्टा अगर यूएस फेड (US Fed) आज ब्याज दरों (Interest Rates) में आक्रामक बढ़ोतरी कर देता है, तो अमेरिका में एक के बाद एक बैंक भरभराकर गिरने लगेंगे। इस बैंकिंग संकट की जड़ प्रमुख ब्याज दरों में हुआ इजाफा ही है। 

फेड के फैसले पर नजर

बीते एक साल में यूएस फेडरल रिजर्व लगभग हर दूसरे महीने ब्याज दरों में तेज बढ़ोत्तरी कर रहा है। इससे अमेरिका में बॉण्ड यील्ड प्रभावित होती है। इसका सीधा नुकसान वहां के बैंकों पर पड़ रहा है जो अपना अधिकतर कारोबार बॉण्ड में ही करते हैं। यही कारण है कि ब्याज दर वृद्धि को लेकर एक्सपर्ट चिंतित हैं। ऐसा माना जा रहा है कि फेड महंगाई पर काबू पाने की अपनी लड़ाई के चलते ब्याज दरों में 0.25 फीसदी का इजाफा कर सकता है। वहीं कुछ जानकार मानते हैं कि बैंकिंग संकट के मुहाने पर खड़े देश की स्थिति को देखने हुए फेड अपना फैसला टल भी सकता है। 

बैंकों के डूबने के पीछे ब्याज दरों में इजाफा?

अमेरिका में हाल के समय में डूबने वाले बैंक सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक की इस स्थिति के पीछे ब्याज दरों में बेतहाशा वृद्धि को माना जा रहा है। अमेरिका मार्च 2022 के बाद से ब्याज दरों में 4.5 फीसदी का इजाफा कर चुका है। प्रमुख ब्याज दर बढ़ने से सरकारी बॉन्ड जैसी सिक्योरिटीज पर यील्ड बढ़ता है। जैसे-जैसे यील्ड बढ़ता है, पुरानी सिक्योरिटीज की मार्केट वैल्यू घटती जाती है। अमेरिका के बैंकों ने अपने एसेट्स का एक अहम हिस्सा बॉन्ड और ट्रेजरी नोट्स जैसी सिक्योरिटीज में निवेश किया हुआ है। ये बॉन्ड तब खरीदे गए थे, जब ब्याज दरें काफी कम थीं। एक साथ ब्याज दरों में भारी इजाफा होने से पहले इश्यू की गई सिक्योरिटीज की मार्केट वैल्यू काफी गिर गई। इससे बैंकों को भारी नुकसान हुआ है।

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