भारत का डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई का क्रेज हर रोज बढ़ता ही जा रहा है। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई पर लेन-देन में साल-दर-साल आधार पर 52 प्रतिशत और साल-दर-साल आधार पर 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, वर्ल्डलाइन द्वारा इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट - H1 2024 के में बताया गया है कि यूपीआई लेन-देन में बढ़ोतरी व्यक्ति-से-व्यापारी लेन-देन में पर्याप्त बढ़ोतरी के चलते हुई है।
P2M लेन-देन बढ़कर 48.94 अरब रुपये हो गया
खबर के मुताबिक, जनवरी-जून के दौरान, वॉल्यूम के हिसाब से P2M लेन-देन बढ़कर 48.94 अरब रुपये हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 29.15 अरब रुपये था। रिपोर्ट के मुताबिक मूल्य के लिहाज से 62 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वर्ल्डलाइन इंडिया के का कहना है कि यूपीआई प्रमुख प्लेयर बना हुआ है। सिर्फ 2024 की पहली छमाही में 78 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन हुए हैं, जो कि साल 2023 की पहली छमाही के मुकाबले वॉल्यूम में 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
यूपीआई पेमेंट स्वीकार करने के पसंदीदा तरीके के रूप में हावी
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीआई लेन-देन में यह उल्लेखनीय बढ़ोतरी, विशेष रूप से P2M सेगमेंट में, माइक्रो-लेन-देन के लिए पसंदीदा विधि के रूप में इसकी स्थिति को और मजबूत करती है, जो लंबी अवधि में स्थिरता को प्रदर्शित करती है। यूपीआई पेमेंट स्वीकार करने के पसंदीदा तरीके के रूप में हावी है, और इस प्रभुत्व में तेज़ी से वृद्धि होने की उम्मीद है।
2023 की पहली छमाही में यूपीआई लेनदेन का औसत टिकट आकार 1,603 रुपये था, जो इस साल की पहली छमाही में घटकर 1,478 रुपये रह गया। इसी अवधि के दौरान, पी2एम लेनदेन का औसत टिकट आकार 667 रुपये से घटकर 643 रुपये रह गया।