सरकार ने माल एवं सेवा कर (GST) के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं जिनसे छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी और उनका अनुपालन बोझ कम होगा। इन बदलावों पर जीएसटी परिषद ने पिछले हफ्ते हुई बैठक में मंथन किया था। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जो संशोधन अधिसूचित किए हैं उनके अनुसार व्यवसायों को आईएमपीएस और यूपीआई जैसी भुगतान प्रणाली के जरिये जीएसटीएन पोर्टल पर कर भुगतान करने की अनुमति दी गई है।
दो करोड़ सालाना करोबार वालों को राहत
नए नियमों के मुताबिक, 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में जिन इकाइयों का सालाना कारोबार दो करोड़ रुपये तक है उन्हें 2021-22 के लिए वार्षिक रिटर्न भरने से छूट दी गई है। केपीएमजी इंडिया के भागीदार (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि इन बदलावों से छोटे कारोबारियों को अनुपालन में मदद मिलेगी। इसके अलावा दो करोड़ रुपये से कम के कारोबार वाले करदाताओं का बोझ भी कम होगा।
समयसीमा में भी राहत दी गई
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि जो अन्य महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं उनमें वित्त वर्ष 2017-18 के ऑर्डर जारी करने के लिए जीएसटी अधिनियम की धारा 73 (कर का निर्धारण) के तहत दी गई समयसीमा में विस्तार भी शामिल है। अब यह समयसीमा 30 सिंतबर, 2023 है। हालांकि किसी अन्य वित्त वर्ष के लिए समयसीमा नहीं बढ़ाई गई है। इन बदलावों को जीएसटी परिषद ने 28-29 जून को हुई बैठक में मंजूरी दी थी।