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UPI से ट्रांजैक्शन का बना रिकॉर्ड, पहली बार हुआ 83 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन

वित्त वर्ष 2021-22 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से लेन-देन की कीमत 83 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। ऐसा पहली बार हुआ है। पिछले दो साल में UPI पेमेंट सिस्टम की ग्रोथ बहुत ज्यादा रही है। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 02, 2022 10:50 IST
UPI Transaction- India TV Paisa
Photo:ANI FILE PHOTO

UPI Transaction

मुंबई। कोरोना महामारी में UPI से लेनदेन की मजबूरी अब हमारी आदत में शुमार हो गई है। अब महानगरों में ही नहीं, बल्कि दूरदराज के गांवों और कस्बों में भी डिजिटल लेनदेन आम प्रचलन में आ गया है। इस परिणाम यह रहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से लेन-देन की कीमत 83 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। ऐसा पहली बार हुआ है। पिछले दो साल में UPI पेमेंट सिस्टम की ग्रोथ बहुत ज्यादा रही है। 

दरअसल, लोग छोटी रकम की पेमेंट के लिए भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 29 मार्च तक का आंकड़ा जारी किया। 2021-2022 में UPI से लेन-देन की कीमत 83.45 लाख करोड़ रुपए रही। मार्च में पहली बार UPI पेमेंट सिस्टम में वॉल्यूम 500 करोड़ को पार कर गया। मार्च की 29 तारीख तक 504 करोड़ लेन-देन हुए।  

29 मार्च तक लेन-देन की कीमत 8.8 लाख करोड़ रुपए रही। दो साल में UPI से लेन-देन बहुत बढ़ा है। इसकी वजह कोरोना की महामारी है। पिछले दो साल में UPI ने कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं। अब UPI से मासिक लेन-देन की कीमत 9 लाख करोड़ रुपए के करीब पहुंचने वाली है।  

वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत यानी अप्रैल में UPI के जरिए कुल 260 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे, जिनकी वैल्यू 4.93 लाख करोड़ रुपए थी। देश में कुल रिटेल पेमेंट में UPI की हिस्सेदारी 2021-22 में 60% रही। हालांकि, UPI के इस्तेमाल से आम आदमी के साथ ही दुकानदारों को काफी फायदा हुआ है।  

कुल ट्रांजैक्शन वैल्यू में UPI की हिस्सेदारी 16%

देश में कुल रिटेल पेमेंट में UPI की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में कुल रिटेल पेमेंट का 60% UPI के जरिए किया गया। हालांकि, UPI से पेमेंट में लो-वैल्यू ट्रांजैक्शन की ज्यादा हिस्सेदारी है। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में कुल ट्रांजैक्शन वैल्यू में UPI की हिस्सेदारी सिर्फ 16% रही।

UPI के इस्तेमाल से आम आदमी के साथ ही दुकानदारों को काफी फायदा हुआ है। एक तरफ जहां अप खरीदारी के लिए जेब में पैसे रखने की जरूरत नहीं रह गई है, वहीं दूसरी तरफ खुले पैसे की दिक्कत भी दुकानदार को नहीं हो रही है।

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