एयर इंडिया पायलट यूनियनों ने आरोप लगाया है कि एयरलाइन मैनेजमेंट उनके कुछ सदस्यों को उड़ान ड्यूटी का समय निर्धारित सीमा से आगे बढ़ाने के लिए उन्हें ‘डरा रहा है और मजबूर’ कर रहा है। इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (ICPA) और इंडियन पायलट गिल्ड (IPG) ने एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) कैंपबेल विल्सन को पत्र लिखकर इन मुद्दों को उठाया है। दोनों संगठनों ने 28 जनवरी को संयुक्त रूप से लिखे पत्र में यह भी दावा किया कि पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी समयसीमा (FDTL) को बढ़ाने का एयरलाइन का दृष्टिकोण स्थापित नियमों का उल्लंघन करने के अलावा पायलटों की सुरक्षा के साथ ‘समझौता’ करने जैसा है।
धमकियां देने का आरोप
आईसीपीए छोटे आकार वाले विमानों के पायलटों का संगठन है। जबकि आईपीजी में एयर इंडिया के बड़े आकार वाले विमानों के पायलट सदस्य हैं। पत्र में कहा गया, 'संज्ञान में आया है कि कुछ पायलटों को संचालन निदेशक और बेस प्रबंधकों की ओर से अपने एफडीटीएल को निर्धारित सीमा से आगे बढ़ाने के लिए धमकी और दबाव का सामना करना पड़ रहा है।' पत्र में कहा गया है कि इन धमकियों में उनके करियर की प्रगति को खतरे में डालने की धमकियां भी शामिल हैं।
संगठनों ने बताया गंभीर चिंता का विषय
संगठनों ने स्थिति को “गंभीर चिंता” का विषय बताया। एयर इंडिया की ओर से इस संबंध में फिलहाल कोई बयान नहीं आया है। संगठनों के आरोप ऐसे समय में सामने आए हैं, जब नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) इसी महीने पायलटों के लिए संशोधित एफडीटीएल मानदंड लेकर आ रहा है। इसमें साप्ताहिक विश्राम अवधि में वृद्धि, रात के घंटों में एक घंटे का विस्तार और पहले के छह की तुलना में केवल दो रात्रि लैंडिंग का प्रावधान है।