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बजट तैयार करने वाली टीम को सरकार कर देती है कैद, यहां जानें ऐसे 7 हैरान करने वाले तथ्य

1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट को लेकर केंद्र सरकार तैयारियों में जुट गई है। आइए जानते हैं कि इसके लिए सरकार को किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है।

Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: January 24, 2023 12:08 IST
इन सात चरणों से होकर गुजरता है बजट, गुप्त रहती जानकारी- India TV Paisa
Photo:FILE इन सात चरणों से होकर गुजरता है बजट, गुप्त रहती जानकारी

भारत की आम जनता जब 1 जनवरी को नया साल सेलिब्रेट करने में बीजी होती है तब देश की सरकार बजट को तैयार करने में लगी रहती है। ऐसे में सरकार के साथ आम जनता के लिए भी यह जरूरी हो जाता है कि क्या इस बार उसके दिन अच्छे आने वाले हैं? खैर! दिन अच्छें होगें या बूरे, ये तो 1 फरवरी 2023 को बजट पेश होने के साथ ही पता चलेगा। तब तक बजट तैयार करने में महत्वपुर्ण भूमिका निभाने वाले इन सात चरणों के बारे में आज जान लेते हैं। 

बता दें कि नॉर्थ ब्लॉक में हलवा रस्म (halwa ceremony) की अदायगी के बाद ही बजट को तैयार करने में शामिल अधिकारियों को एक तरह की कैद दे दी जाती है। संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी बजट बनाने वाली टीम की हर एक्टिविटी पर नजर रखते हैं। बजट छपाई से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह है कि बजट को तैयार करने में शामिल अधिकारियों को बजट पेश किए जाने तक कैद कर दिया जाता है और बाकी दुनिया से इनका संपर्क कुछ दिन के लिए कट सा जाता है। आप भी जानिए बजट से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां।

ये अधिकारी होते हैं कैद

बजट की गोपनीयता को लेकर बजट तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान कैद होने वाले अधिकारियों में वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के साथ-साथ, विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्नीशियन और कुछ स्टेनोग्राफर्स को नॉर्थ ब्लॉक में कैद मिलती है। ये लोग इस दौरान अपने परिवार से भी बात नहीं कर पाते हैं। अगर परिजनों को अपने पारिवारिक सदस्य को कोई बहुत जरूरी सूचना भी देनी होती है तो वो दिए गए एक नंबर पर सिर्फ संदेश भर भेज पाते हैं।

इनकी होती है सबसे ज्यादा निगरानी

इन सभी अधिकारियों में से सबसे ज्यादा निगरानी स्टेनोग्राफरों की होती है। साइबर चोरी की संभावनाओं से बचने के लिए स्टेनोग्राफर के कम्प्यूटर नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (nic) के सर्वर से दूर होते हैं। जहां ये सारे लोग होते हैं वहां एक पावरफुल जैमर लगा होता है ताकि कॉल्स को ब्लॉक किया जा सके और किसी भी जानकारी को लीक न होने दिया जाए।

जारी होता है सर्कुलर

बजट निर्माण में सबसे पहले वित्त मंत्रालय के बजट डिवीजन द्वारा सभी मंत्रालयों, विभागों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, रक्षा बलों और स्वायत्त निकायों को सर्कुलर भेजा जाता है। इसके जवाब में इन्हें ब्यौरे के साथ आगामी वित्तीय वर्ष के अपने-अपने खर्च, विशेष परियोजनाओं का ब्यौरा और फंड की आवश्यकता की जानकारी देनी होती है। इन मांगों के आने के बाद केंद्रीय मंत्रालयों और वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के बीच काफी बैठकें होती हैं।

बजट पूर्व होती हैं बैठकें

बजट निर्माण की प्रक्रिया में आर्थिक मामलों का विभाग और राजस्व विभाग विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व बैठकें करते हैं। इन बजट पूर्व परामर्श बैठकों में विभिन्न क्षेत्रों की मांगे और सुझाव लिये जाते हैं। टैक्स प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय वित्त मंत्री के साथ लिया जाता है। उससे पहले प्रस्तावों पर प्रधानमंत्री के साथ भी चर्चा की जाती है।

दिन-रात एक कर देते हैं वित्त मंत्रालय के कर्मचारी

बजट निर्माण का कार्य नॉर्थ ब्लॉक में किया जाता हैं जहां वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी, विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्निशियंस और स्टेनोग्राफर्स एक तरह से कैद में रहते हैं। बजट तैयार होने से पहले के सात दिनों में तो ये लोग बाहरी दुनिया से एकदम कट जाते हैं। नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय के ये कर्मचारी बजट निर्माण में दिन-रात एक कर देते हैं।

किले में तब्‍दील हो जाता है नॉर्थ ब्‍लॉक

बजट निर्माण के समय नॉर्थ ब्लॉक की सुरक्षा बड़ी चाकचौबंद होती है। संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी बजट बनाने वाली टीम की हर एक्टिविटी पर नजर रहते हैं। खास तौर पर स्टेनोग्राफर्स पर सबसे ज्यादा नजर रखी जाती है। इस तरह बेहद तगड़ी सुरक्षा में बजट बनकर तैयार होता है।

यहां छपता है देश का बजट?

वित्त मंत्री का बजट भाषण सबसे सुरक्षित दस्तावेज माना जाता है। इसलिए इसे बजट की घोषणा के दो दिन पहले ही प्रिंटर्स को थमाया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि पहले बजट के पेपर्स राष्ट्रपति भवन के अंदर प्रिंट होते थे, लेकिन साल 1950 के बजट के लीक हो जाने के बाद बजट मिंटो रोड के एक प्रेस में छपने लगा। साल 1980 से बजट नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में छप रहा है।

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