Budget 2023: केंद्रीय वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमन 1 फरवरी 2023 को अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करने वाली हैं। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि 2023-24 के लिए सरकार का बजट इंफ्रास्टक्चर के लिहाज से महत्वपूर्ण होने की संभावना है। अर्बन रिफॉर्म्स एंड इन्फ्रास्टक्चर IPE Global के सीनियर डायरेक्टर अनिल बंसल का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में शहरी विकास पर ज्यादा जोर दिया गया है। खासतौर से प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), मेट्रो रेल और RRTS, स्मार्ट सिटी मिशन और स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं के लागू होने के बाद शहरों में विकास की गति बढ़ी है। आइए जानते हैं कि इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर सरकार का आगामी बजट कैसा रह सकता है।
सभी सेक्टर्स पर फोकस
पिछले कुछ सालों से सरकार का ध्यान शहरी आवास आवंटन और मेट्रो रेल की ओर झुका हुआ है। जबकि शहरों में अन्य बुनियादी सुविधाएं जैसे कि पानी की सप्लाई, सैनिटाइजेशन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट आदि पर अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया गया है। अटल मिशन योजना 2.0 और स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत इन सब-सेक्टर्स पर ध्यान दिया जा सकता है।
स्मार्ट सिटी
इस साल केंद्र सरकार स्मार्ट सिटी मिशन को आगे बढ़ाने पर भी फोकस कर सकती है। इसके तहत सरकार का जोर क्लाइमेट-स्मार्ट और क्लाइमेट-सेंसिटिव शहरों पर हो सकता है। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी डिजिटल और मैच्योरिंग टेक्नोलॉजी की भी आवश्यकता होगी, जिस पर सरकार का फोकस हो सकता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर
सरकार अपने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के साथ-साथ छोटे शहरों में नॉन मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट, इलेक्ट्रिक व्हीकल, टू-व्हीलर-कार-बसों के लिए चार्जिंग इन्फ्रास्टक्चर के लिए भी बजट जारी कर सकती है। चुनिंदा शहरों के लिए GH2 पर आधारित बस और ट्रेन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट्स की घोषणा और लॉन्च के बाद सरकार को ध्यान देना होगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर से रोजगार के अवसर
जब भी कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लांट आगे बढ़ता है तो रोजगार के अवसर अपने आप उत्पन्न होते हैं। भारत के संदर्भ में यह ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां अभी भी टेक्नोलॉजी का अभाव है और मैनुअल लेबर अधिक है। विदेशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी बेस्ड है, इसलिए ये जरूरी नहीं है कि वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर की रफ्तार से इम्पलॉयमेंट को बढ़ाया जा सके। लेकिन भारत में ऐसा करना संभव है।