दुनिया के दिग्गज और जाने-माने अरबपति निवेशक वॉरेन बफे ने कहा कि भारतीय बाजार में अनखोजे अवसर हैं, जिन्हें उनके समूह की होल्डिंग कंपनी बर्कशायर हैथवे भविष्य में तलाशना चाहेगी। बफे की यह टिप्पणी शुक्रवार को बर्कशायर की वार्षिक बैठक के दौरान आई। भारतीय इक्विटी में निवेश करने वाले अमेरिका स्थित हेज फंड दूरदर्शी एडवाइजर्स के राजीव अग्रवाल ने उनसे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में बर्कशायर की संभावनाओं के बारे में पूछा था। भाषा की खबर के मुताबिक, बफे से कहा कि यह एक बहुत अच्छा सवाल है। मुझे यकीन है कि भारत जैसे देशों में बहुत सारे अवसर हैं।
भारत को लेकर कही ये बात
खबर के मुताबिक,बर्कशायर हैथवे के सह-संस्थापक, अध्यक्ष और सीईओ ने कहा कि हालांकि, सवाल यह है कि क्या हमारे पास भारत में उन व्यवसायों के बारे में कोई बढ़त या अंतर्दृष्टि है या कोई संपर्क है, जो बर्कशायर की भागीदारी के जरिए लेनदेन को संभव बना सके। इस पर उन्होंने कहा कि बर्कशायर में ज्यादा ऊर्जावान प्रबंधन इसे आगे बढ़ा सकता है।
बफे (93) ने कहा कि बर्कशायर की दुनिया भर में बहुत अधिक प्रतिष्ठा है। उन्होंने कहा कि जापान में उनका अनुभव काफी दिलचस्प रहा है। भारत के बारे में उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कोई ऐसा अवसर हो, जिसकी खोज न की गई हो या जिस पर ध्यान न दिया गया हो। लेकिन ऐसा भविष्य में हो सकता है।
एप्पल में हिस्सेदारी पर क्या कहा
बफे ने हाल ही में बर्कशायर हैथवे द्वारा लिए गए कुछ प्रमुख निवेश फैसलों से संबंधित कई सवालों के जवाब दिए। एप्पल में हिस्सेदारी कम करने से जुड़ा एक सवाल भी था। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका शेयर के दीर्घकालिक नजरिए से कोई संबंध नहीं है और हाल ही में मंदी के बावजूद संभव है कि एप्पल उनकी सबसे बड़ी होल्डिंग्स में से एक रहेगा। उन्होंने शेयरधारकों को यह भी बताया कि वाइस चेयरमैन ग्रेग एबेल और अजीत जैन ने उनके जाने के बाद बर्कशायर का नेतृत्व करने के लिए खुद को साबित किया है।