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बरसों से कोई मांगने नहीं आया बैंकों में जमा 48,461 करोड़ रुपये, जानिए सरकार ने अब कहां किया इसका इस्तेमाल

2 अगस्त, 2023 तक, भगोड़े आर्थिक अपराधियों के अपराध से प्राप्त 34,118.53 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: August 08, 2023 17:40 IST
Rupee- India TV Paisa
Photo:FILE Rupee

भारतीय बैंकों में 48,461.44 करोड़ रुपये की जमा ऐसी है जिसका कोई धनी धोरी नहीं है। यह आंकड़ा 31 मार्च, 2023 तक का है। यह भारी भरकम राशि 16,79,32,112 खातों में जमा है। सरकार ने इस राशि को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में स्थानांतरित कर दी गई है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की ओर से जवाब में कहा गया है कि, 31 मार्च, 2023 तक निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष में 5,714.51 करोड़ रुपये की राशि पड़ी है। 

भगोड़े अपराधियों से जब्त हुए 34,118.53 करोड़ रुपये 

सरकार ने संसद को बताया कि "भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 में लागू किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सूचित किया है कि 2 अगस्त, 2023 तक, आठ भगोड़े आर्थिक अपराधी हैं जो जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले हैं।" ईडी ने आगे बताया कि 2 अगस्त, 2023 तक, भगोड़े आर्थिक अपराधियों के अपराध से प्राप्त 34,118.53 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है, जिसमें से 15,838.91 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है और 15,113.02 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। 

विलफुल डिफॉल्टर पर 12 महीने तक कर्ज लेने से प्रतिबंध 

एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, कराड ने कहा, जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों को समझौता निपटान के बाद 12 महीने तक नया ऋण नहीं मिल सकता है। 1 जुलाई को विलफुल डिफॉल्टर्स पर आरबीआई के मास्टर सर्कुलर के अनुसार, जानबूझकर डिफॉल्टर या धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत उधारकर्ताओं के संबंध में लागू दंडात्मक उपायों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, समझौता निपटान के सामान्य मामलों के लिए 12 महीने की कूलिंग अवधि को एक सामान्य नुस्खे के रूप में पेश किया गया है। 

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