अनुभवी बैंकर उदय कोटक ने मंगलवार को कहा कि बहुत अधिक नियामक घेराबंदी इकॉनोमी की ग्रोथ को बाधित कर सकती है। यह एक विकसित राष्ट्र की ओर भारत की यात्रा को रोक सकती है। उन्होंने राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (NFRA) के दो दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नियामकों को बहुत अधिक रूढ़िवादी और सतर्क नहीं होना चाहिए। इसकी जगह संबंधित क्षेत्रों में किसी आकस्मिक घटना पर तेजी से प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
ज्यादा घेराबंदी सही नहीं
कोटक ने कहा, ''मैं भारत के भविष्य के बारे में बहुत आशावादी हूं, लेकिन मैं इस बात को लेकर भी बहुत सचेत हूं कि... घेराबंदी के बिना अवसरों को पाने की बेलगाम कोशिश जोखिम पैदा कर सकती है। इसी तरह बहुत अधिक घेराबंदी से भी हम वहां (विकसित देश) तक नहीं पहुंच पाएंगे।'' कोटक ने कहा कि अगले 20-25 वर्षों में 7.5 से 8 प्रतिशत की तेज वृद्धि दर हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण क्षमता निर्माण जरूरी है। इसके लिए रचनात्मकता, उद्यमिता और पेशेवर भावना की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि भारतीय अर्थव्यवस्था को बदलना है तो हमें अपनी अपनी उद्यमशीलता और रचनात्मक भावनाओं की रक्षा और पोषण करने की बहुत जरूर है।
पेटीएम पेमेंट बैंक पर लिया था आरबीआई ने एक्शन
हाल ही में आरबीआई ने नियमों का अनुपालन नहीं करने के चलते पेटीएम पेमेंट बैंक पर कार्रवाई की थी। आरबीआई की तरफ से पेटीएम पेमेंट बैंक को 15 मार्च 2024 से सभी सेवाएं रोकने का आदेश दिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पेटीएम पेमेंट्स बैंक के लाखों अकाउंट्स में केवाईसी नियमों का पालन नहीं किया गया था। कई ऐसे मामले थे, जिनमें एक ही पैन कार्ड पर कई खाते खोल दिये गए। इन खातों से करोड़ों रुपयों का लेनदेन भी हुआ। इससे मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका बढ़ गई थी।