UBS Group lay off: कभी दुनिया के सबसे अमीर बैंकों की लिस्ट में रहे क्रेडिट सुइस आज अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। दिवालिया होने के बाद उसका UBS समूह ने अधिग्रहण किया था। अब खबर आ रही है कि ग्रुप 35 हजार लोगों को नौकरी से बाहर कर रहा है। क्रेडिट सुइस में इस ऐलान से पहले 45,000 लोग नौकरी कर रहे थे। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैंक के भारत में करीब 15,000 के आसपास कर्मचारी काम करते हैं। यानि भारत से भी हजारों की संख्या में लोगों की नौकरी जाने वाली है। ब्लूमबर्ग न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंदन, न्यूयॉर्क के साथ एशिया के कुछ हिस्सों से कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी।
भारत पर भी पड़ेगा असर
बता दें कि यूबीएस और क्रेडिट सुईस के टेक्नोलॉजी सेंटर भारत के तीन शहरों में हैं। प्रत्येक दफ्तर में 7,000 के आसपास लोग काम करते हैं। विलय के बाद, इन शहरों में कर्मचारियों की छंटनी की जा सकती है। इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार यूबीएस अब इस मर्जर के बाद यह विचार करेगा कि उसके भारत में मौजूद टेक्नोलॉजी सेंटर्स को आगे भी जारी रखना है या नहीं। UBS की बात करें तो भारत में इसका परिचालन बहुत छोटे स्तर पर है। 2013 में यूबीएस ने भारत में मौजूद अपनी एकमात्र शाखा को बंद कर दिया था। इसने कैश इक्विटी बिजनेस को चालू रखा है। इसने विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) को पार्टिसिपेटरी नोट के माध्यम से देश में लेनदेन करने की अनुमति दी है।
क्रेडिट सुइस के पास अभी भी भारत में अपना एकमात्र शाखा लाइसेंस है। यह यहां मनी मैनेजमेंट, निवेश बैंकिंग और ब्रोकरेज सर्विसेज जैसे विस्तृत कारोबार कर रहा है। यदि यूबीएस आगे भी क्रेडिट सुइस के भारतीय कारोबार को जारी रखेगा, तो उसे लाइसेंस को स्थानांतरित करने के लिए केंद्रीय बैंक को आवेदन करना होगा, जो कि एक आसान प्रक्रिया नहीं है। ऐसे में वह शाखा को बंद करने और पूंजी वापस निकालने का फैसला कर सकता है।