Highlights
- आज ट्विटर पूरी दुनिया में अभिव्यक्ति का सबसे मुखर माध्यम बन गया है
- राजनेता से लेकर जनता और उद्योगपति से लेकर मजदूर तक सभी को एक ही प्लेटफॉर्म पर
- @ और # की मदद से आप सिर्फ 140 अक्षरों में दुनिया में अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं
साल 2006 में शुरू हुई माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर आज एक बार फिर चर्चा में है। टेस्ला कार से लेकर स्पेसएक्स कंपनी की स्थापना कर चुके अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने उसी ट्विटर को खरीदने की पेशकश की है, जिसके वे हमेशा से आलोचक रहे हैं। मजेदार बात यह भी है कि मस्क ने अपनी इस पेशकश की जानकारी भी ट्विटर पर ही दी है।
मस्क की यह दिलचस्पी ट्विटर की ताकत को बयां करती है। आज ट्विटर पूरी दुनिया में अभिव्यक्ति का सबसे मुखर माध्यम बन गया है। यह राजनेता से लेकर जनता और उद्योगपति से लेकर मजदूर तक सभी को एक ही प्लेटफॉर्म पर लेकर आया है। कंप्यूटर की बोर्ड पर बीते 4 दशकों से मौजूद @ और # की मदद से आप सिर्फ 140 अक्षरों में दुनिया के किसी भी कोने से अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं। आप @ की मदद से छत्तीसगढ़ के सुदूर गांव से भी सीधे प्रधानमंत्री तक अपनी बात या शिकायत पहुंचा सकते हैं।
कैसे इतनी बड़ी ताकत बना ट्विटर
फेसबुक और ट्विटर की पैदाइश लगभग एक ही साथ की है। लेकिन जहां फेसबुक ने शुरुआती सफलता हासिल की, वहीं ट्विटर की ताकत को समझने में लोगों को कुछ समय लगा। आज लाइव चैटिंग की अपनी खूबी की वजह से ट्विटर ने पूरी दुनिया में लोगों की ज़िंदगी में बहुत अहम जगह बना ली है।
हैशटैग क्रांति
हैशटैग की चार आड़ी और तिरछी लाइन आपके कंप्यूटर कीबोर्ड में तो बरसों से थीं, लेकिन इसकी असली ताकत ट्विटर ने पहचानी। ट्विटर के पहले हैशटैग बटन का इस्तेमाल टेलिफोन में नंबर बताने के लिए किया जाता था। आप इस हैशटैग की मदद से एक जैसी सोच वाले दुनिया भर में असंख्य लोगों से जुड़ सकते हैं। इसी हैशटैग ने बीते एक दशक में अरब से लेकर यूरोप तक और ब्राजील से लेकर भारत तक कई क्रांतियों को जन्म दिया है।
सबसे तेज माध्यम
एक समय था कि किसी भी खबर के लिए आपको घंटों का इंतजार करना होता था। या फिर उच्चाधिकारियों या किसी कंपनी से शिकायत के लिए चिट्ठी लिखनी पड़ती थी। लेकिन लेकिन ट्विटर का प्रभाव ऐसा है कि आपने किसी शिकायत का ट्विट किया नहीं कि ऐसे तमाम लोग ट्विट के ज़रिए आपकी हां में हां मिलाते नज़र आ जाएंगे। आज कंपनियां ऐसी शिकायतों के वायरल होने यानि व्यापक रूप से फैलने से डरती हैं।
आंदोलन
भारत और दुनिया के बड़े आंदोलन में ट्विटर की भूमिका इतनी जबर्दस्त थी कि सरकारों को भी ट्विटर पर ही शिकायत और सफाई देनी पड़ी। भारत में तो बीत साल किसान आंदोलन के समय सरकार और ट्विटर आमने सामने थे। भारत ही नहीं दुनिया में बीते एक दशक में कई क्रांतियां इसी के बलबूते परवान चढ़ीं। मिस्र के पूर्व शासक होस्ने मुबारक का तख्तापलट एक हैशटैक की चिंगारी से ही हुआ। महिला सुरक्षा से जुड़ा भारत का मीटू आंदोलन भी ट्विटर की देन है।
ब्रेकिंग न्यूज़
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि बड़ी खबरें अब प्राय: ट्विटर पर ही ब्रेक हो रही हैं। चाहे वो ओसामा बिन लादेन को ढूंढ निकालने वाले छापे की खबर हो या फिर हडसन नदी पर विमान के उतरने की खबर – ट्विट के ज़रिए ही अब खबरें सबसे पहले ब्रेक हो रही हैं। यही वजह है कि दुनियाभर के समाचार कार्यालयों में ट्विटर को खबरों के स्रोत के साथ-साथ ब्राडकास्ट प्लैटफॉर्म के रूप में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि इसके कुछ खतरे भी हैं। एक्टर जेफ़ गोल्डब्लम की मौत की अफवाह ट्विटर पर इस कदर फैल गई कि उन्हें अमरीकी टीवी पर आकर बताना पड़ा कि वो जीवित हैं।
राजनीति में ट्विटर का दखल
भारत सहित विश्व की राजनीति में ट्विटर सबसे बड़ा हथियार बन गया है। राजनीतिक हमले आजकल इसी पर होते हैं। राजनेताओं के लिए ट्विटर बहुत मददगार साबित हुआ है। इसके ज़रिए वो सीधे आम लोगों से बात कर सकते हैं। कहीं से भी बड़ी-बड़ी नीतिगत घोषणाओं की सूचना दे सकते हैं। आज राजनीतिक जीवन के लिए सोशल मीडिया इतना ज़रूरी हो गया है कि अमरीका के राष्ट्रपति चुनाव से पहले बराक ओबामा ने ट्विट्स का विश्लेषण करने के लिए विशेषज्ञों की टीम बुलाई थी।
मशहूर शख्सियतें ट्विटर पर
आज क्रिकेट हो या बॉलीवुड, हर कोई ट्विटर पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया पर ट्विटर पर सबसे मशहूर शख्सियतों में से एक हैं। सिंगर केटी पेरी को ट्विटर पर फॉलो करनेवाले लोगों की संख्या 46,700,000 है। यानी ट्विटर पर सिलेब्रिटीज़ बहुत हैं और इसके ज़रिए प्रशंसकों के बीच उनका दायरा और संवाद बढ़ता ही जा रही है।