जापान की करेंसी येन (Japanese yen) में बुधवार को जबरदस्त गिरावट आई। इससे यह साल 1990 के बाद से डॉलर के मुकाबले अपने सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गई है। इस गिरावट को देखते हुए जापान के टॉप वित्तीय अधिकारियों की एक बैठक हुई। बैठक में तेजी से गिर रही करेंसी पर चर्चा की गई और इसे स्टेबल करने के लिए संभावित हस्तक्षेप के संकेत दिए गए। अमेरिकी डॉलर 151.975 येन के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह आक्रामक उछाल 30 से अधिक वर्षों में येन के मुकाबले डॉलर को सबसे मजबूत बनाती है।
करेंसी को बचाने के लिए एक्शन मूड में जापान
आपातकालीन बैठक के बाद जापान के चीफ करेंसी डिप्लोमेट मासातो कांडा ने विदेशी मुद्रा बाजार में किसी भी अव्यवस्थित उतार-चढ़ाव के खिलाफ एक्शन लेने की उनकी तैयारी पर जोर दिया। यह 2022 में येन को डिफेंड करने के लिए उनके हस्तक्षेप से पहले जारी की गई चेतावनियों जैसी है।
टोक्यो में हुई बैठक
बैंक ऑफ जापान, वित्त मंत्रालय और जापान की वित्तीय सेवा एजेंसी ने टोक्यो में बुधवार शाम एक बैठक की। इसके बाद टॉप करेंसी डिप्लोमेट मासातो कांडा ने कहा कि वे अव्यवस्थित विदेशी मुद्रा चालों का जवाब देने के लिए किसी भी कदम से इनकार नहीं करेंगे। जापानी अधिकारियों ने साल 2022 में डॉलर के मुकाबले 151.94 पर पहुंच चुके येन को बचाने के लिए हस्तक्षेप किया था। वित्त मंत्री शुनिची सुजुकी ने बुधवार को उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया जो उस हस्तक्षेप से पहले थे। उन्होंने चेतावनी दी कि जापानी करेंसी में अत्यधिक गिरावट को रोकने के लिए वह निर्णायक कदम उठाएगा।
ब्याज दर वृद्धि का नहीं हुआ असर
टोरंटो में सीआईबीसी कैपिटल मार्केट्स के वैश्विक विदेशी मुद्रा रणनीति प्रमुख बिपिन राय ने रॉयटर्स के हवाले से कहा, "वे एक हद तक, यहां धारा के खिलाफ तैर रहे हैं। हस्तक्षेप निकट भविष्य में मदद करता है, लेकिन यह दीर्घकालिक समाधान नहीं है। इस साल येन में 7% से अधिक की गिरावट अमेरिकी और जापानी बॉन्ड यील्ड के बीच बढ़ते अंतर से प्रेरित हुई है। बैंक ऑफ जापान की हालिया छोटी ब्याज दर वृद्धि इस अंतर को कम करने में बहुत कम कारगर साबित हुई है।
यूएस फेड रेट घटाए तो बने बात
विशेषज्ञों का मानना है कि येन की गिरावट को रोकने का एक संभावित समाधान अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती चक्र शुरू करना और उसके बाद जापान के बाहर सरकारी बॉन्ड की यील्ड में गिरावट हो सकता है। राय ने कहा, "मुझे संदेह है कि हस्तक्षेप, या हस्तक्षेप करने की धमकियां, वास्तव में सिर्फ समय लेने का एक तरीका हैं, जब तक कि हम देश के बाहर और अधिक स्थायी आधार पर चीजों को बदलना शुरू नहीं देखते हैं।"