विदेशों से भारत में पैसे भेजना आने वाले समय में सस्ता हो सकता है क्योंकि डब्लूटीओ में रेमिटेंस पर लगने वाले सीमा शुल्क को कम करने को लेकर भारतीय प्रस्ताव को 70 से ज्यादा देशों का समर्थन मिला है। भारत का समर्थन करने वाले देशों में यूके, यूएके और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों का नाम था।
क्या था भारत का प्रस्ताव?
भारत की ओर से देशों के बीच पैसों के लेनदेन सस्ता, तीव्र और आसान बनाने के लिए वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) में एक प्रस्ताव दिया गया था। इसमें भुगतान प्रणाली की इंटरऑपरेबिल्टी और इंटरलिंक करने की भी बात कही गई थी।
रेमिटेंस की लागत 3 प्रतिशत से कम करना लक्ष्य
सरकारी अधिकारियों की ओर से इस प्रस्ताव को लेकर कहा गया कि इसका लक्ष्य रेमिटेंस की लागत को कम करके 3 प्रतिशत किया जाना है। मौजूदा समय में ये 6.18 प्रतिशत है। इस प्रस्ताव के तहत मौजूदा रेमिटेंस के बुनियादी ढांचे की समीक्षा की जाएगी। इससे उन देशों को काफी मदद मिलेगी, जिनके बड़ी संख्या में लोग विदेशों में काम करते हैं और अपने देश में पैसा भेजते हैं। इसमें भारत का भी नाम शामिल है।
अमेरिका ने नहीं किया समर्थन
दुनिया के कई बड़े विकसित और विकासशील देशों की ओर से इस प्रस्ताव को समर्थन मिला है। इनमें यूके, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने भी समर्थन किया है।
127 अरब डॉलर की होगी बचत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर ये प्रस्ताव लागू हो जाता है तो इससे सीधे तौर पर सर्विस ट्रेड की लागत लोअर मिडिल अर्थव्यवस्थाओं के लिए 10 प्रतिशत और अपर मिडिल इनकम वाली अर्थव्यवस्थाओं को लिए 14 प्रतिशत कम हो जाएगी।