रियल एस्टेट सेक्टर देश के आर्थिक विकास का बैरोमीटर होता है। यहां डिमांड और सप्लाई में कमी देश की ईकोनॉमी का हाल बया करता है। एसेट एडवाइजर फर्म जेएलएल की ताजा रिपोर्ट किसी भी मायने में अच्छे संकेत नहीं दे रही है। जेएलएल की रिपोर्ट की मान तो देश में लीज़ पर ऑफिस स्पेस की मांग में तेजी से गिरावट आई है। देश के 7 महानगरों में ऑफिस स्पेस की डिमांड 21 प्रतिशत तक लुढ़क गई है।
मांग घटकर 67 लाख वर्ग फुट रह गई
जेएलएल ने देश के सात प्रमुख शहरों में अक्टूबर के दौरान ऑफिस स्पेस के बारे में पड़ताल की। जेएलएल की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इससे साफ इशारा मिल रहा है कि बड़े बिजनेस हाउस एक्सपेंशन से बच रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार सभी श्रेणियों की इमारतों में लीज पर ऑफिस स्पेस की कुल मांग सालाना आधार पर 21 प्रतिशत घटकर 67 लाख वर्ग फुट रह गई।
इन शहरों में घटी ऑफिस स्पेस की मांग
संपत्ति सलाहकार जेएलएल इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के सात प्रमुख शहरों दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता में सभी श्रेणी की इमारतों में पट्टे पर कार्यालय स्थल की मांग को दर्शाती है। जेएलएल के अनुसार, अगस्त, 2021 में कुल 85 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थल पट्टे पर दिया गया था।
मुंबई और दिल्ली टॉप पर
सितंबर, 2022 में पट्टे पर कार्यालय देने संबंधी गतिविधियों में सबसे अधिक 65 प्रतिशत हिस्सा मुंबई का रहा। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर और पुणे का स्थान रहा। सितंबर, 2022 में पट्टे पर कार्यालय स्थल की मांग में 93 प्रतिशत हिस्सेदारी मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और पुणे जैसे तीन शहरों की रही। वहीं, विनिर्माण क्षेत्र का कार्यालय स्थल की कुल मांग में अक्टूबर में 22 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक योगदान रहा।