सब्जी मंडी में इस समय टमाटर सोने के भाव बिक रहा है। जून के मध्य तक 30 से 40 रुपये प्रति किलो बिकने वाला टमाटर अचानक 80 और 100 रुपये प्र्रति किलो को पार कर गया है। ब्लिंकिट जैसी क्विक डिलीवरी एप्स पर टमाटर 55 से 60 रुपये प्रति 500 ग्राम के भाव से बिक रहा है। हालांकि देश में हर जगह टमाटर के दाम एक जैसे नहीं हैं। उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 540 में से 100 शहरों में टमाटर 30 रुपए से भी सस्ता है।
रामपुर में सबसे सस्ता टमाटर
उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार 28 जून को दिल्ली की मंडियों में जहां टमाटर 70 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। वहीं यूपी के रामपुर में देश में सबसे सस्ता टमाटर मिल रहा है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार 28 जून को रामपुर में टमाटर का भाव मात्र 12 रुपये है, वहीं यूपी के ही गोरखपुर में देश का सबसे महंगा टमाटर 121 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है।
देश के विभिन्न शहरों में टमाटर के भाव
- दिल्ली 70 रुपये प्रति किलो
- शिमला 88 रुपये प्रति किलो
- जम्मू 80 रुपये प्रति किलो
- लखनउ 100 रुपये प्रति किलो
- कानपुर 25 रुपये प्रति किलो
- रामपुर 12 रुपये प्रति किलो
- प्रयागराज 110 रुपये प्रति किलो
- रायपुर 99 रुपये प्रति किलो
- पणजी 75 रुपये प्रति किलो
- भुज 15 रुपये प्रति किलो
- भोपाल 78 रुपये प्रति किलो
- मुंबई 43 रुपये प्रति किलो
- जयपुर 53 रुपये प्रति किलो
- पटना 34 रुपये प्रति किलो
- कोलकाता 77 रुपये प्रति किलो
- चेन्नई 73 रुपये प्रति किलो
- बेंगलुरू 73 रुपये प्रति किलो
स्रोत: उपभोक्ता मंत्रालय, कीमतें 28 जून के बाजार भाव के अनुसार
बारिश की वजह से बढ़े दाम
टमाटर की मौजूदा महंगाई के कारणों पर गौर करें तो बाजार के जानकारों के अनुसार भारी बारिश की वजह से टमाटर की फसल प्रभावित हुई है, वहीं कुछ उत्पादक राज्यों से ट्रकों की आवाजाही भी घटी है। इस असमान वितरण के कारण ही देश के विभिन्न शहरों में टमाटर की कीमतों में इतना तेज उछाल देखा गया है। बारिश के दिनों में टमाटर की सप्लाई दक्षिण के राज्यों से होती है। पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक, तेलंगाना समेत दक्षिणी राज्यों के साथ कुछ पहाड़ी राज्यों में भी भारी बारिश हुई है। इससे टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है और सप्लाई में बाधा आई है।
टमाटर की कीमतों में तेजी के प्रमुख कारण
- टमाटर की कीमतों में इजाफा वार्षिक आधार पर होता है। पिछले साल और उससे पीछे के वर्षों में भी बारिश के दिनों में कीमतें 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक जाती हैं। तेज बारिश के चलते फसलों को नुकसान होने से सप्लाई प्रभावित हुई इसलिए कीमतें बढ़ गई हैं।
- इस साल गर्मी जल्दी शुरू होने की वजह से दिसंबर और जनवरी में बोए गए टमाटर की फसल खराब हो गई थी। वहीं दक्षिण भारत में टमाटर की फसल पर लीफ कर्ल वायरस का भी प्रभाव पड़ा है। महाराष्ट्र में सर्दी कम पड़ने और मार्च-अप्रैल में अत्यधिक गर्मी की वजह से ककड़ी वायरस के हमले देखे गए। इस वजह से टमाटर के पौधे सूख गए। इसका असर भी कीमतों पर देखा जा रहा है।
- टमाटर में तेजी का एक कारण किसानों द्वारा इसका कम उत्पादन भी है। पिछले साल किसानेां को थोक बाजार में मार्च में टमाटर की औसत कीमत 5 से 10 रुपए किलो ही मिल पाई थी। ऐसे में किसानों ने इस साल टमाटर की खेती में कोई ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया। बजार में कम टमाटर की आवक से भी कीमतों पर असर पड़ा है।
कब आएगी कीमतों में नरमी
टमाटर की कीमतें सस्ती होने के लिए जरूरी है कि मार्केट में सप्लाई तेज हो। लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए ज्यादा उम्मीद नहीं है। यूपी से टमाटर की सप्लाई जुलाई लास्ट और अगस्त तक होगी। ऐसे में कुछ दिनों तक टमाटर की कीमतों में तेजी देखी जा सकती है। कर्नाटक जैसे राज्यों से नई खेप आने से टमाटर की सप्लाई बढ़ जाएगी। इससे दाम भी कम होंगे।