Wednesday, January 15, 2025
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Tomato prices : और रुला सकता है टमाटर, हिमाचल में भारी बारिश से हुआ नुकसान, जानिए क्या कह रहे कारोबारी

Tomato prices : हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश होने से टमाटर की फसल को नुकसान हुआ है। साथ ही सड़कें टूट जाने से सप्लाई चेन भी बाधित होने की आशंका है।

Written By: Pawan Jayaswal
Published : Aug 02, 2024 12:10 IST, Updated : Aug 02, 2024 12:10 IST
टमाटर के भाव
Photo:REUTERS टमाटर के भाव

Tomato prices : टमाटर की महंगाई आम जनता को और परेशान कर सकती है। दिल्ली की आजादपुर मंडी के व्यापारियों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण आने वाले दिनों में टमाटर की कीमतों में तेजी आ सकती है। हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत के कई बाजारों में इस सब्जी की मुख्य आपूर्ति करता है। सब्जी व्यापारियों के अनुसार, भारी बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ सड़कों को भी नुकसान पहुंचने से सप्लाई चेन बाधित हो सकती है। इससे कीमतें बढ़ सकती हैं।

दिल्ली में 70 रुपये किलो है टमाटर

उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में टमाटर का दैनिक खुदरा मूल्य लगभग 70 रुपये प्रति किलो है। जबकि मुंबई में यह लगभग 80 रुपये प्रति किलो है। टमाटर की बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) ने 29 जुलाई से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 60 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर टमाटर बेचना शुरू किया है। इससे खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतें कुछ कम हुई हैं। हालांकि, व्यापारियों का मानना है कि यह फिर से बढ़ सकती है।

पिछले साल 350 रुपये किलो चले गये थे भाव

पिछले साल भी भारी बारिश और बाढ़ के कारण कुछ खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमतें 350 रुपये प्रति किलो के पार चली गई थीं। इससे उत्तर भारत में मैकडॉनल्ड्स जैसी फास्ट फूड चेन को कुछ आउटलेट्स में टमाटर का इस्तेमाल रोकना पड़ा था, क्योंकि उनके गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में टमाटर उपलब्ध नहीं थे।

7 अगस्त तक भारी बारिश की भविष्यवाणी

भारत मौसम विभाग (IMD) ने सात अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। बुधवार को राज्य के कई जिलों, जिनमें प्रमुख टमाटर उत्पादक क्षेत्र मंडी भी शामिल है, में काफी अधिक बारिश हुई। इस मौसम में बारिश होने पर आमतौर पर सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी होती है, क्योंकि बारिश से फसल की तुड़ाई और पैकिंग प्रभावित होती है। बारिश के कारण परिवहन के दौरान सब्जियों की अधिक बर्बादी होती है, जिससे कीमतें प्रभावित होती हैं। हालांकि, इस साल कुछ बाजारों, विशेषकर दक्षिण भारत में जून में ही टमाटर की कीमतें बढ़नी शुरू हो गईं, क्योंकि देश के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी पड़ी थी, जिससे बागवानी फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

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