Tomato Price Hike: भारत में लगभग हर साल जून-जुलाई में टमाटर की क्राइसिस आती है। दाम अचानक से आसमान छूने लगते हैं। इसका असर सिर्फ आम जनता पर ही नहीं छोटे विक्रेता पर भी पड़ता है। इस मौके का फायदा कई बार बड़े व्यापारी उठा लेते हैं। चूंकि बरसात के महीने में अधिकतर सब्जियां खराब होने लगती है। इसमें से सबसे अधिक असर टमाटर पर पड़ता है। इसे आप पैदा करने के बाद काफी समय तक स्टोर कर नहीं रख सकते हैं। यह खेत से तैयार होता है और बाजार में बिकने के लिए चला जाता है। जब बारिश होती है तो खेत में ही टमाटर खराब हो जाते हैं। इससे बाजार में पर्याप्त मात्रा में टमाटर नहीं पहुंच पाता है। मार्केट में टमाटर की उपलब्धता कम होने से कीमतें बढ़ जाती है। छोटे किसान जो इसे उगाते हैं, उन्हें भी नुकसान होता है और आम नागरिक जो इसे बाजार में खरीदने जाता है, उसे एक किलो टमाटर के लिए 20 रुपये की तुलना में 100-120 रुपये चुकाने पड़ते हैं यानि 5 से 6 गुना दाम पर उसे टमाटर खरीदना पड़ता है।
टमाटर की कीमतें आसमान छू रही
टमाटर विक्रेता दीपक कहते हैं कि दिल्ली थोक में हमें टमाटर 60-80 रुपये किलो मिल रहा है। खुदरा में लोगों को यह 90-100 रुपये में मिलेगा। बारिश के कारण पिछले 10-15 दिनों में दरें बढ़ गई हैं। सरकारी आंकड़ों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और कर्नाटक के बेल्लारी में टमाटर का भाव 122 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया है।
खरीदने और बेचने वाले दोनों परेशान
लखनऊ में भी यही हाल है। वहां भी लगातार बारिश के कारण सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। सबसे ज्यादा उछाल टमाटर की कीमतों में देखा गया है। सब्जी का कारोबार करने वाले एक विक्रेता कीमतों आई अचानक से वृद्धि पर कहते हैं कि टमाटर 100 रुपए किलो पर पहुंच गई है। जिन्हें 1 किलो की जरूरत है वे 250 ग्राम लेकर जा रहे हैं। पिछले 4-5 दिनों से टमाटर महंगा हुआ है। इससे लोगों के जेब पर काफी असर पड़ रहा है। दाम कम होने में अभी थोड़ा टाइम लग सकता है।