प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार कृषि क्षेत्र और किसान कल्याण के लिए सालाना 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है। प्रधानमंत्री ने देश को खाद्य तेलों के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाये जाने की बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस’’ पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री किसान योजना,एमएसपी और उर्वरकों में रियायत जैसी अपनी सरकार के कार्यों को भी रेखांकित किया।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में किसानों की उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करके उन्हें 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल उर्वरक रियायत पर 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किये। प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरे शब्दों में सरकार कृषि और किसानों पर प्रति वर्ष लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
प्रत्येक किसान को सालाना 50 हजार की सहायता दी गई
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि इसका मतलब है कि सरकार हर साल किसी न किसी रूप में प्रत्येक किसान को औसतन 50,000 रुपये की सहायता प्रदान कर रही है। यानी बीजेपी सरकार में किसानों को अलग-अलग तरीके से हर साल 50 हजार रुपये मिलने की गारंटी है। उन्होंने कहा कि वह केवल यह बता रहे थे कि उनकी सरकार ने क्या किया है और केवल "वादों" के बारे में बात नहीं कर रहे हैं।
2.5 लाख करोड़ किसानों के खाते में भेजे गए
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में पीएम किसान योजना के तहत 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे गए हैं। मोदी ने कहा, ''यह रकम कितनी बड़ी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 2014 से पहले के पांच वर्षों का कुल कृषि बजट 90,000 करोड़ रुपये से भी कम था।''वह 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस में बोल रहे थे।
किसानों के विभिन्न मुद्दे पर चर्चा करेंगे
भारतीय सहकारी कांग्रेस के दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, हितधारक सहकारी आंदोलन में विभिन्न रुझानों पर चर्चा करेंगे। साथ ही अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करेंगे और सामना की जा रही चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे। इतना ही नहीं, भारत के सहकारी आंदोलन के विकास के लिए भविष्य की नीतिगत कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करेंगे।