भारतीय स्टार्टअप भी छंटनी करने में पीछे नहीं है। स्टार्टअप से पिछले 3-4 महीनों में हजारों कर्मचारियों को निकाला जा चुका है, साथ ही आने वाले महीनों में फंडिंग की बढ़ती कमी के बीच कई और कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है। भारत में आज तक 70 से अधिक स्टार्टअप्स द्वारा 21,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की गई है, जिनमें बायजूस, ओला, एलपीएल, इन्नोवासेर, अनअकादमी, वेदांतु, कार्स24, ओयो, मिशु, उड़ान साथ ही और भी कई अन्य कंपनी शामिल हैं।
एडटेक सेक्टर ने सबसे ज्यादा छंटनी
एडटेक सेक्टर ने सबसे ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है, 16 एडटेक स्टार्टअप्स ने अभी तक 8,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। जनवरी की शुरुआत के साथ, अधिक से अधिक भारतीय कंपनियां नौकरियों में कमी कर रही हैं। नए साल में देश में 16 से अधिक घरेलू स्टार्टअप ने कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। सोशल मीडिया कंपनी शेयरचैट (मोहल्ला टेक प्राइवेट लिमिटेड) ने अपने 20 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी कर दी है।
यूनिकॉर्न स्टार्टअप भी छंटनी में पीछे नहीं
हेल्थटेक यूनिकॉर्न इनोवेसर ने भारत और अमेरिका में टीमों के लगभग 245 कर्मचारियों या लगभग 15 प्रतिशत को बाहार निकाल दिया है। कर्मचारियों को भेजे गए एक आंतरिक मेल और प्रमुख स्टार्टअप समाचार पोर्टल इंक42 द्वारा एक्सेस किए जाने के अनुसार, इनोवेसर के सह-संस्थापक और सीईओ अभिनव शशांक ने नौकरी में कटौती के पीछे अनिश्चित व्यापक आर्थिक वातावरण को वजह बताया। पिछले साल सितंबर में, इनोवेसर ने लगभग 120 कर्मचारियों को कंपनी से निकाल दिया था। सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (सास) वॉयस ऑटोमेशन स्टार्टअप स्किट डॉट एआई ने 115 से अधिक कर्मचारियों को कंपनी से जाने के लिए कहा है।
स्विगी ने भी बाहर का रास्ता दिखाया
ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने पुष्टि की कि कंपनी 380 कर्मचारियों की छंटनी कर रही है क्योंकि फूड डिलीवरी ग्रोथ धीमी है। घरेलू ऑनलाइन वाहन मरम्मत प्लेटफॉर्म गोमैकेनिक, सिकोइया इंडिया ने अपने 70 प्रतिशत कार्यबल को खत्म कर दिया है क्योंकि स्टार्टअप अकाउंटिंग संबंधी समस्याओं की गंभीर चिंताओं के बीच कंपनी धन जुटाने के लिए संघर्ष कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने बाकी स्टाफ को तीन महीने तक बिना वेतन के काम करने को कहा है।