Green Energy News: सरकारी कंपनी एसजेवीएन ने शनिवार को कहा कि उसकी ग्रीन एनर्जी की अनुषंगी कंपनी को महाराष्ट्र में 200 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना मिली है। इस परियोजना की लागत 1,000 करोड़ रुपये है। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि कंपनी के पूर्ण स्वामित्व वाली एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) को महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) से स्वीकृति पत्र मिला है। यह परियोजना 18 महीने के अंदर पूरी होगी। यह समय एमएसईडीसीएल के साथ ऊर्जा खरीद समझौता (पीपीए) होने की तारीख से शुरू होगा। कंपनी ने बताया कि इस परियोजना की लागत लगभग 1,000 करोड़ रुपये होगी। इस परियोजना से पहले साल 45.55 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन होगा और 25 साल की अवधि में कुल बिजली उत्पादन 1,048 करोड़ करोड़ यूनिट होगा। इस परियोजना के शुरू होने से 5,13,560 टन कार्बन उत्सर्जन के कम होने की उम्मीद है।
ग्रीन एनर्जी की पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में निवेश आमंत्रित करते हुए पिछले महीने कहा था कि Renewable Energy के मामले में देश की जो क्षमता है, वह सोने की खदान से कम नहीं है। आम बजट 2023-24 में हरित वृद्धि को लेकर की गईं विभिन्न घोषणाओं के संबंध में एक वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हरित ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मैं सभी हितधारकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करता हूं। भारत में सौर, पवन ऊर्जा और बायोगैस जैसी नवीकरणीय ऊर्जा की संभावनाएं किसी सोने की खदान से कम नहीं हैं। सरकार का पूरा ध्यान बायो-ईंधन पर केंद्रित है और निवेशकों के लिए अपार अवसर खोले जाएंगे। भारत ने दस फीसदी एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित तारीख से पांच महीने पहले ही हासिल कर लिया है और यही नहीं, 40 फीसदी गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता का लक्ष्य तय तारीख से नौ साल पहले ही प्राप्त कर लिया गया है।
मोदी ने इन बातों पर दिया ध्यान
मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से जितने भी बजट आए उनमें न केवल वर्तमान चुनौतियों को ध्यान में रखा गया, बल्कि नए दौर के सुधारों को भी आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि भारत प्रतिवर्ष 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन के उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रहा है और राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तहत निजी क्षेत्र को 19,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया गया है। आम बजट में वाहनों को कबाड़ में बदलने के लिए 3,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किए जाने और 15 वर्ष से भी पुराने करीब तीन लाख सरकारी वाहनों को कबाड़ में बदलने के निर्णय का भी उन्होंने इस वेबिनार में जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को बैटरी भंडारण क्षमता बढ़ाकर 125 गीगावॉट करनी होगी।