PwC India Company: पीडब्ल्यूसी इंडिया ने सोमवार को कहा कि वह अपने नए 'पीपल एक्सपीरियंस फ्रेमवर्क' के माध्यम से लोगों के समग्र विकास और भलाई के लिए अगले तीन वर्षों में 600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह फ्रेमवर्क कर्मचारियों को व्यक्तिगत अवसरों तक पहुंच प्राप्त करने में सक्षम बनाता है जो उन्हें अपने जीवन जीने की इजाजत देता है, जिसमें अपने परिवारों की जरूरतों को पूरा करना, अपने उद्देश्य और मूल्यों के साथ संरेखित काम ढूंढना शामिल है, जिससे वे एक ऐसा वातावरण बना रहे हैं जिसमें भविष्य के लिए आवश्यक कौशल निर्माण कर रहे हैं। भारत में पीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष संजीव कृष्णन ने कहा कि हमारा नया पीपल एक्सपीरियंस फ्रेमवर्क विकास और अनुकूलित पुरस्कार, लाभ और भलाई पर अधिक जोर देगा, जो हमारे दैनिक अनुभवों में शामिल है और जहां हमारे पास अपने लोगों का समर्थन करने की फ्लेक्सिबिलिटी है और समय के साथ उनकी जरूरतें बदल जाती हैं।
फुलटाइम कर्मचारियों को मिलेगा तोहफा
पीडब्ल्यूसी इंडिया ने निदेशक स्तर तक नियमित फुलटाइम कर्मचारियों के लिए एक गैर-आवासीय कार्यकारी एमबीए प्रोग्राम की घोषणा की है, जिसमें फर्म कर्मचारियों के लिए पाठ्यक्रम शुल्क का 75 प्रतिशत (प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपये तक) प्रायोजित करेगी। इसके अलावा, सेल्फ-इनिशिएटेड लनिर्ंग सर्टिफिकेशन की स्पॉन्सरशिप को पहले के 30,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। फर्म ने प्रत्येक कर्मचारी, उनके जीवनसाथी और दो बच्चों के लिए (औसतन 5 लाख रुपये से अधिक) चिकित्सा कवरेज में वृद्धि (20 लाख रुपये) करने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा कि इसके अलावा, एक 'रिचार्ज एंड रिजुविनेट' नीति शुरू की गई है ताकि प्रत्येक कर्मचारी एक वर्ष में न्यूनतम 10 दिनों के डाउनटाइम का हकदार हो। पेटरनिटी अवकाश को भी बढ़ाकर 30 दिन कर दिया गया है।
दुनिया भर में हो रही छंटनी
अमेजन द्वारा की गई कुल छंटनी की रिपोर्ट देखें तो पता चलता है कि 27 हजार लोग अपने जॉब से हाथ धो चुके हैं। ऐसा करने वाली कंपनियों में अकेले अमेजन नहीं है, बल्कि 500 अन्य कंपनियां भी हैं जो अपने यहां से कर्मचारियों को जॉब से बाहर निकाल चुकी है या निकालने जा रही है। इस वर्ष अब तक लगभग 1.5 लाख कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। टेक क्षेत्र की नौकरियों में कटौती पर नजर रखने वाली वेबसाइट, लेऑफ डॉट एफवाईआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 503 तकनीकी कंपनियों ने अब तक 148,165 कर्मचारियों की छंटनी की है। 2022 भी टेक कंपनियों और स्टार्टअप्स के लिए एक निराशाजनक वर्ष रहा है, जिसमें कम से कम 1.6 लाख कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोनी पड़ी है।