Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. नौकरी ढूंढ रहे युवाओं को निराश कर देगा RBI की यह भविष्यवाणी, भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर कही ये बात

नौकरी ढूंढ रहे युवाओं को निराश कर देगा RBI की यह भविष्यवाणी, भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर कही ये बात

जनवरी में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति 6.52 प्रतिशत थी। आर्थिक समीक्षा 2022-23 में अगले वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: February 26, 2023 13:28 IST
नौकरी ढूंढ रहे युवा- India TV Paisa
Photo:FILE नौकरी ढूंढ रहे युवा

नौकरी ढूंढ रहे युवाओं के लिए निराश करने वाली खबर है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य जयंत आर वर्मा ने कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि ‘काफी कमजोर’ है और संभवत: यह देश के बढ़ते श्रमबल (लेबर फोर्स) की आकांक्षाओं को पूरा करने की दृष्टि से पर्याप्त नहीं रहेगी। वर्मा ने कहा कि भारत में उन्हें लगता है कि 2022-23 में महंगाई ऊंचे स्तर पर रहेगी, लेकिन 2023-24 में इसमें काफी कमी आएगी। उन्होंने कहा, हालांकि, वृद्धि बहुत कमजोर नजर आ रही है और मौद्रिक सख्ती से मांग पर दबाव पड़ रहा है। वर्मा ने आगे अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि कर्ज की मासिक किस्त (ईएमआई) का भुगतान बढ़ने से परिवारों का बजट प्रभावित होता है और उससे उनके खर्च में कमी आती है। वहीं देश का निर्यात वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऊंची ब्याज दरें निजी पूंजी निवेश को और मुश्किल बना देती हैं। वहीं सरकार राजकोषीय मजबूती के लिए प्रयासरत हैं, ऐसे में इस स्रोत से अर्थव्यवस्था को समर्थन घटा है। 

भारत की आर्थिक वृद्धि 6.4% रहने का अनुमान 

उन्होंने कहा, इन सभी कारकों के कारण मुझे आशंका है कि हमारे जनसांख्यिकीय संदर्भ और आय के स्तर को देखते हुए बढ़ते श्रमबल की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वृद्धि दर संभवत: कम रहेगी। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। आर्थिक समीक्षा 2022-23 में अगले वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। वर्मा अभी भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-अहमदाबाद) में प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा में आने वाले महीनों में वैश्विक मुद्रास्फीति का दबाव देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा, दुनिया युद्ध के साथ जीना सीख रही है। साथ ही मौद्रिक रुख में सख्ती दुनियाभर में वृद्धि के लिए जोखिम है। 

दूसरी छमाही में महंगाई घटेगी 

ऊंची महंगाई पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 2022-23 में विभिन्न आपूर्ति झटकों के साथ-साथ दूसरी छमाही के दौरान मौद्रिक सख्ती में देरी के कारण यह ऊंची मुद्रास्फीति का वर्ष रहा है। उन्होंने कहा, हालांकि, मुझे उम्मीद है कि 2023-24 में मुद्रास्फीति में काफी कमी आएगी। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) के अनुमान को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। जनवरी में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति 6.52 प्रतिशत थी। रिज़र्व बैंक द्वारा नीतिगत दर रेपो में बढ़ोतरी के सवाल पर वर्मा ने कहा कि जोखिमों का संतुलन मुद्रास्फीति के बजाय वृद्धि की ओर स्थानांतरित हो गया है। ऐसे में ब्याज दरों में ‘ठहराव’ अधिक उपयुक्त होगा। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement