MSME Sector New Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सरकार की एमएसएमई प्रतिस्पर्धी (LEAN) योजना एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के उसके प्रयासों का एक हिस्सा है, जो भारत के आर्थिक विकास का एक प्रमुख स्तंभ है। बता दें कि सरकार ने शुक्रवार को इंडस्ट्री और हितधारकों के लिए इसे और अधिक लाभकारी बनाने के लिए संशोधित एमएसएमई प्रतिस्पर्धी (एलईएएन) योजना की शुरुआत की थी। पुनर्गठित योजना के तहत केंद्र का योगदान हैंड होल्डिंग और परामर्श शुल्क के लिए काम को करने में आई लागत का 90 प्रतिशत होगा, जबकि पहले यह 80 प्रतिशत था। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने कहा कि LEAN में एक राष्ट्रीय आंदोलन बनने की क्षमता है। इसका उद्देश्य भारत के एमएसएमई के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रोडमैप प्रदान करना है।
एमएसएमई मंत्रालय ने दी जानकारी
एमएसएमई मंत्रालय ने कहा कि यह योजना एमएसएमई के बीच एलएएन विनिर्माण प्रथाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने और उन्हें एमएसएमई चैंपियन बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए एलएएन स्तर प्राप्त करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यापक अभियान है। इस योजना के तहत एमएसएमई बुनियादी, मध्यवर्ती और उन्नत जैसे LEAN स्तरों को प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित और सक्षम LEAN सलाहकारों के कुशल मार्गदर्शन में 5S, काइज़न, कानबन, विज़ुअल वर्कप्लेस और पोका योका जैसे लीन निर्माण उपकरणों को लागू करेंगे।
Kaizen Institute के जयंत मूर्ति ने बताया बड़ा कदम
दक्षिण एशिया और अफ्रीका में Kaizen Institute के ज्वॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर जयंत मूर्ति ने कहा कि एमएसएमई लीन मैन्युफैक्चरिंग स्कीम का ये नया वर्जन खुद को दो प्रमुख कारकों से अलग करता है। सबसे पहले इसे अपने दृष्टिकोण में काफी व्यवस्थित बनाया गया है, चाहे वह एमएसएमई के लिए तय की गई एक समयरेखा हो या इसके चरणबद्ध तरीके से काम करने के तरीके। दूसरा कि यह भारतीय एमएसएमई के लिए बहुत ही सही समय पर आया है, क्योंकि वे तेजी से धीमी होती वैश्विक बाजार में अधिक निर्यात करना चाहते हैं। इसलिए LEAN उनके प्रोडक्ट और लागत प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि उससे कितनी कमाई हो पाती है यह बनाए गए नए रोडमैप पर निर्भर करेगा।