किसी भी देश के फाइनेंस सिस्टम को मजबूत रखने में उस देश में मौजूद बैंकों की एक अहम भूमिका होती है, क्योंकि जब तक बैंक की हालत ठीक नहीं होती आप ना ही लोन ले पाएंगे ना ही कोई नया बिजनेस शुरु कर पाएंगे। अगर आरबीआई की भाषा में भारतीय इकोनॉमी के लिए महत्वपुर्ण बैंको की बात करें तो उनकी लिस्ट एक से शुरु होकर तीन पर खत्म हो जाती है। हाल ही में केंद्रीय बैंक ने इसकी जानकारी अपने नए सर्कुलर में दी है।
इन बैंको के बगैर फाइनेंस सिस्टम कमजोर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक को "घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी)" के रूप में पहचाना गया है। यानि की इन बैंको के बगैर फाइनेंस सिस्टम कमजोर हो सकता है और मार्केट में अस्थिरता आ जाएगी।
RBI ने जारी किया सर्कुलर
आरबीआई ने सोमवार को जारी एक सर्कुलर में कहा कि एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक को घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) के रूप में उसी संरचना के तहत पहचाना जाना गया है, जैसा कि 2021 की डी-एसआईबी की सूची में किया गया था। यानि एक पहले भी इन बैंको को ये दर्जा दिया जा चुका है।
कब मिला इन बैंको को सबसे पहले ये दर्जा
बता दें, सबसे पहले आरबीआई ने 2015 और 2016 में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को डी-एसआईबी के रूप में घोषित किया था। 31 मार्च 2017 को बैंकों से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर, एचडीएफसी बैंक को भी डी-एसआईबी के रूप में शामिल किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा अपडेट 31 मार्च, 2022 तक बैंकों से जुटाए गए डेटा पर आधारित है।
इस तरह के सर्कुलर जारी करने की शुरुआत कब हुई?
आरबीआई के तरफ से इस तरह के सर्कुलर जारी करने की शुरुआत मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद हुई थी। डी-एसआईबी से निपटने के लिए ढांचा जुलाई 2014 में पहली बार जारी किया गया था। लेकिन लिस्ट जारी करने की शरुआत 2015 से की गई।