एलएंडटी फाइनेंस, एलएंडटी इंफ्रा क्रेडिट और पांच अन्य गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को लौटा दिए हैं। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने उनका पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) सरेंडर कर दिया है। एकीकरण, विलय, विघटन या स्वेच्छा से कामकाज समेटने के बाद ये कानूनी इकाई नहीं रही हैं। यानी अब बाजार में ये काम नहीं करेंगी। पिछले साल दिसंबर में, एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग्स (एलटीएफएच) ने अनुषंगी कंपनियों- एलएंडटी फाइनेंस, एलएंडटी इंफ्रा क्रेडिट और एलएंडटी म्यूचुअल फंड ट्रस्टी के विलय को पूरा करने की घोषणा की थी।
ये कंपनियां भी सर्टिफिकेट लौटाने में शामिल
पंजीकरण प्रमाणपत्र लौटाने वाली अन्य पांच एनबीएफसी- मरुधर फूड एंड क्रेडिट लिमिटेड, क्रिएटिव इंट्रा लिमिटेड, जिनवाणी ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट कंपनी, मंजूश्री फिनकैप और श्रुति फाइनेंशियल सर्विसेज हैं। एक अन्य बयान में रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने चार एनबीएफसी - निमिषा फाइनेंस इंडिया, आर.एम.बी.फाइनेंस कंपनी, सुयश फिनोवेस्ट और कामधर लीजिंग एंड फाइनेंस लिमिटेड का सीओआर रद्द कर दिया है। बयान में कहा गया है कि ये चारों कंपनियां किसी गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान का कारोबार नहीं कर सकतीं।
जेएम फाइनेंशियल में बड़ी गिरावट
जेएम फाइनेंशियल के स्टॉक में आज 10 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई। पनी के शेयर बीएसई में 79.25 रुपये तक लुढ़क कर बंद हुआ। यह गिरावट सेबी और आरबीआई के एक्शन से आया है। सेबी ने नोटिस (जेएम फाइनेंशियल) के साथ-साथ उससे जुड़ी समूह संस्थाओं को प्रथम दृष्टया लाभ पर कुछ निवेशकों को एक सुनिश्चित निकास दिया गया था, जिससे उन्हें नियामक आदेशों के उल्लंघन में सार्वजनिक निर्गम में आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। सेबी से पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस ग्रुप की कंपनी जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को लोन देने से रोक लगा दिया था। और अब सेबी के फैसले ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। बीते एक हफ्ते के दौरान कंपनी के शेयरों की कीमतों में 17 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।