Mining of Coal: सार्वजनिक क्षेत्र की एनएलसी इंडिया एवं एनटीपीसी के अलावा तीन निजी कंपनियों को सातवें दौर की नीलामी में छह कोयला खदानें आवंटित हुई हैं। कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि सातवें दौर की नीलामी में छह खदानों का आवंटन कर दिया गया है। इनमें से दो खदानें पूरी तरह उत्खनित हैं जबकि चार खदानें आंशिक रूप से ही उत्खनित हैं। मंत्रालय के मुताबिक, एनएलसी को झारखंड के उत्तरी धादु (पश्चिमी भाग) कोयला ब्लॉक मिला है जिसमें 43.4 करोड़ टन कोयला भंडार संभावित है।
ये है भंडार की डिटेल
इसके साथ सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी लिमिटेड को उत्तरी धादु (पूर्वी भाग) कोयला ब्लॉक मिला है जिसमें 43.9 करोड़ टन कोयला भंडार मौजूद है। इस नीलामी में निजी क्षेत्र की हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड और नीलकंठ कोल माइनिंग को भी कोयला ब्लॉक मिले हैं। हिंडाल्को को ओडिशा में मीनाक्षी वेस्ट ब्लॉक मिला है, जिसमें 95 करोड़ टन कोयला भंडार है। वहीं नीलकंठ कोल माइनिंग को छत्तीसगढ़ का शेरबंद कोयला ब्लॉक मिला है जिसमें नौ करोड़ टन कोयला भंडार होने का अनुमान है। बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड को मध्य प्रदेश में दो कोयला खदानें इस नीलामी में मिली हैं। पथोरा ईस्ट और पथोरा वेस्ट कोयला ब्लॉक की भंडार क्षमता क्रमशः 11.04 करोड़ टन एवं 8.16 करोड़ टन है।
मंत्रालय ने दी जानकारी
मंत्रालय ने कहा कि इन छह कोयला खदानों की नीलामी सफलतापूर्वक संपन्न होने के साथ अबतक कुल 92 खदानों की वाणिज्यिक नीलामी पूरी की जा चुकी है। कोयला मंत्रालय ने कहा कि इन खदानों से वर्तमान उच्च क्षमता के आधार पर करीब 34,185 करोड़ रुपये का सालाना राजस्व पैदा होने की संभावना है। इन खदानों के चालू होने पर कुल 34,486 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश आने और करीब 3.10 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। मंत्रालय ने कहा कि कोयला खदानों की वाणिज्यिक नीलामी शुरू कर सरकार ने कोयला क्षेत्र में सुधारों का जो सिलसिला शुरू किया था, यह उसकी कामयाबी को भी दर्शाता है।
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