देश में नौकरी ढूंढ रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। इनकम टैक्स विभाग में जल्द 12,000 वैकेंसी निकलने वाली है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि आयकर विभाग में 10,000 से 12,000 तक कर्मचारियों की कमी है और खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये पद मुख्य रूप से ग्रुप ‘सी’ श्रेणी के हैं। इन पदों को भरने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। विभाग में कर्मचारियों की कुल संख्या 55,000 के करीब है।
ये करेंगे तो नहीं अटेगा आपका रिफंड
रिफंड में अब भी लोगों को होने वाली परेशानी के बारे में सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि रिफंड फंसने के कई कारण हैं। जहां आयकर रिटर्न के ब्योरे में आंकड़ों में विसंगतियां दिखती हैं, उन मामले में हम जांच करते हैं। हम देखते हैं कि सरकार का पैसा गलत तरीके से नहीं जाए। कई बार बैंक खाता संख्या की जानकारी गलत हो जाती है, कई मामलों में बैंक के विलय से आईएफएससी कोड बदल गये हैं। कुछ मामलों में नौकरी में तबादला होने से बैंक शाखा बदलने से आईएफएससी कोड बदलने से रिफंड में देरी होती है। कई बार तकनीकी मुद्दे भी होते हैं।
उन्होंने कहा कि करदाता अगर जानकारी सही दें और बैंक ब्योरा सही भरें, तो रिफंड में देरी नहीं होगी। गुप्ता ने कहा, हमारा जोर रिफंड में तेजी लाने, लंबित कर विवादों का समाधान करने समेत करदाताओं को मिलने वाली सेवाओं में और सुधार लाने पर है। छोटी राशि की विवादित कर मांग को समाप्त करना इसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि 28 जनवरी, 2024 तक तक 3.62 करोड़ मामलों में कुल 2.75 लाख करोड़ रुपये की राशि वापस की गयी है। जो रिफंड रुके हैं, उनपर भी काम जारी है।
टैक्सपेयर को 1 लाख रुपये तक राहत संभव
उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट में 25,000 रुपये तक की बकाया कर मांग को वापस लेने की घोषणा के तहत करदाताओं को एक लाख रुपये तक की राहत मिल सकती है। इससे उन करदाताओं को लाभ होगा होगा, जिन्हे निर्धारित अवधि में एक साल से अधिक के लिए कर मांग को लेकर नोटिस मिले हैं। इस कदम से लगभग 80 लाख करदाताओं को लाभ होगा। उन्होंने कहा, हम इस बारे में जरूरी आदेश जारी करेंगे, करदाताओं को कुछ करने की जरूरत नहीं है। प्रत्यक्ष कर (आयकर और कंपनी कर) संग्रह के बारे में उन्होंने कहा कि 31 जनवरी तक रिफंड वापसी के बाद 14.46 लाख करोड़ रुपये आये हैं, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 20 प्रतिशत ज्यादा है। और अगर रिटर्न की बात की जाए तो कुल मिलाकर 8.5 रिटर्न दाखिल किए गए हैं, जिसमें से लगभग 8.2 करोड़ वित्त वर्ष 2023-24 के लिए है।