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FDI से देश में आने वाले धन की होगी सख्त निगरानी, रेगुलेटरी मैकेनिज्म बनाने पर आई ये बड़ी खबर

पिछले 10 वित्तीय वर्षों में, एफडीआई प्रवाह में 119 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो पिछले 10 वर्षों (2005-14) में 304 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 667 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: September 29, 2024 19:01 IST
FDI- India TV Paisa
Photo:FILE एफडीआई

सरकार विदेश से निवेश (FDI) आने के बाद उसकी समीक्षा और निगरानी के लिए एक विदेशी निवेश नियामक तंत्र स्थापित करने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि फिलहाल इसपर चर्चा ही शुरू हुई है। एक सूत्र ने कहा, देखा गया है कि सभी देश अपने देश में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर निगरानी रखते हैं। लोग सुझाव देते हैं कि भारत में भी निगरानी तंत्र होना चाहिए। यह एक तरह से एफडीआई के रूप में देश में आने वाले धन की निगरानी है। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि देश में आने वाला FDI अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक है और वैध स्रोतों से आ रहा है। भारत अपनी बड़ी आबादी, स्थिर नीतियों, जनसांख्यिकीय लाभांश, अच्छे निवेश रिटर्न और कुशल कार्यबल के कारण FDI के लिए एक प्रमुख गंतव्य है। 

निवेश आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए

सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें प्रक्रियाओं को सरल बनाकर कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देना और उद्योग के लिए अनुपालन बोझ को काफी कम करना शामिल है। सरकार ने अंतरिक्ष, ई-कॉमर्स, फार्मा, नागर विमानन, अनुबंध निर्माण, डिजिटल मीडिया, कोयला खनन और रक्षा जैसे कई क्षेत्रों में एफडीआई मानदंडों को आसान बना दिया है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और बड़े इलेक्ट्रिक उत्पाद जैसे 14 क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की है। अधिकारी ने कहा कि कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने, भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित प्रयासों से ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने और देश में घरेलू और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिली है। 

एफडीआई प्रवाह में 119 प्रतिशत की वृद्धि हुई 

पिछले 10 वित्तीय वर्षों में, एफडीआई प्रवाह में 119 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो पिछले 10 वर्षों (2005-14) में 304 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 667 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया है। कुल एफडीआई का 90 प्रतिशत से अधिक स्वचालित मार्ग से प्राप्त हुआ है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सेवा, कंप्यूटर, दूरसंचार और फार्मा क्षेत्रों में स्वस्थ प्रवाह के कारण इस वित्त वर्ष अप्रैल-जून में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 47.8 प्रतिशत बढ़कर 16.17 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। सरकार घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करके विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए औद्योगिक टाउनशिप भी विकसित कर रही है। भारत को मॉरीशस, सिंगापुर, अमेरिका, नीदरलैंड, यूएई, केमैन आइलैंड्स, साइप्रस, जापान, यूके और जर्मनी जैसे देशों से अधिकतम निवेश प्राप्त होता है।

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