दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव के बीच केंद्रीय केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है। भारत भी अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रिफाइनरी क्षमता रखता है। भाषा की खबर के मुताबिक, पुरी ने पश्चिम एशिया में जारी तनाव को लेकर कहा कि उनका निजी और व्यक्तिगत आकलन है कि दुनिया में चीजें जल्दी ही सामान्य हो जाएंगी। यह हर किसी के हित में है कि चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की अनुमति नहीं दी जाए क्योंकि इससे हर कोई प्रभावित होगा।
तनाव से पहले कुल मात्रा प्रतिदिन 10.5 करोड़ बैरल थी
खबर के मुताबिक, पुरी ने कहा कि इन सभी गतिविधियों से पहले, दुनिया में उत्पादित कच्चे तेल की कुल मात्रा प्रतिदिन 10.5 करोड़ बैरल के करीब थी। तेल निर्यातक देशों के संगठन और उसके सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) ने अपनी इच्छा से करीब 50 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की है। उन्होंने कहा कि अगर आप उनसे बात करेंगे, तो वे कहेंगे कि कीमतों से निपटने का काम उनका नहीं है। लेकिन जैसे ही आप बाजार में आने वाली मात्रा को सीमित करते हैं तो आप स्पष्ट रूप से कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं।
उत्पादन कटौती से मात्रा घटकर 9.7 करोड़ बैरल पर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्पादन कटौती से मात्रा घटकर 9.7 करोड़ बैरल पर आ गई है। उन्होंने कहा कि अगर किसी खास क्षेत्र में तनाव है तो उसका तेल पर क्या असर होगा। इससे माल ढुलाई की लागत बढ़ जाती है, बीमा की लागत बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि आप तेल की कीमतों की गणना कैसे करते हैं? कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में आप बीमा लागत, माल ढुलाई की लागत, रिफाइनरी मार्जिन और डीलर का मार्जिन जोड़ते हैं। पुरी ने कहा कि हमारे देश में अब भी दुनिया में पेट्रोल और डीजल की सबसे कम कीमतों में से एक है। इसके पीछे नवंबर, 2021 और मई, 2022 में सरकार की तरफ से केंद्रीय उत्पाद शुल्क को कम करना भी वजह है।
ईरान, इजराइल युद्ध सहित तमाम तनावों के बाद भी आज तेल की कीमतें 72-73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास होनी चाहिए। बाजार इन चीजों को ध्यान में रख रहा है। पुरी ने कहा कि बाजार में नया तेल आ रहा है। ब्राजील को हर रोज 4,00,000 बैरल अतिरिक्त तेल मिल रहा है। अमेरिका बाजार में और अधिक तेल ला सकता है।