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भारत में रूस से कच्चे तेल के आयात में 55% की भारी गिरावट, जानें क्या है इसकी वजह?

रूस अब भी भारत के लिए सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। हालांकि, नवंबर में बड़ी गिरावट आई है। यह जून, 2022 के बाद का सबसे निचला आंकड़ा है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Dec 15, 2024 12:52 IST, Updated : Dec 15, 2024 12:52 IST
Crude Oil
Photo:FILE कच्चा तेल

भारत में रूसी कच्चे तेल का आयात तेजी से गिरा है। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात नवंबर में घटकर जून, 2022 के बाद के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। आपको बता दें कि नवंबर में भारत के रूसी कच्चे तेल के आयात में 55 प्रतिशत की भारी गिरावट आई। हालांकि, इसके बावजूद रूस अब भी भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। रूस द्वारा फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद भारत रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया। रूस से भारत की कच्चे तेल की खरीद एक प्रतिशत से कम होती थी, जो बढ़कर 40 प्रतिशत पर पहुंच गई। 

रूस के बाद इराक और सऊदी अरब का नंबर

रूस के बाद इराक और सऊदी अरब का स्थान है। सीआरईए ने बिना कोई सटीक आंकड़े दिए कहा कि रूस के कच्चे तेल निर्यात का 47 प्रतिशत चीन ने खरीदा है। उसके बाद भारत (37 प्रतिशत), यूरोपीय संघ (छह प्रतिशत) और तुर्किये (छह प्रतिशत) का स्थान है। नवंबर में ब्रेंट कच्चे तेल की तुलना में रूस के यूराल ग्रेड वाले कच्चे तेल पर छूट में माह-दर-माह आधार 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह औसतन 6.01 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गई। ईएसपीओ ग्रेड पर छूट में 15 प्रतिशत की भारी कमी आई और यह औसतन 3.88 डॉलर प्रति बैरल की छूट पर कारोबार कर रहा था, जबकि सोकोल मिश्रण पर यह दो प्रतिशत घटकर 6.65 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गया।

भारत का योगदान 17 प्रतिशत

रूस द्वारा भारत को मुख्य रूप से ईएसपीओ और सोकोल ग्रेड का कच्चा तेल बेचा जाता है। कच्चे तेल के अलावा भारत ने रूस से कम कोयला भी खरीदा है। हालांकि, इसकी मात्रा काफी सीमित है। सीआरईए के अनुसार, पांच दिसंबर, 2022 से नवंबर, 2024 के अंत तक चीन ने रूस के सभी कोयला निर्यात का 46 प्रतिशत खरीदा। उसके बाद भारत (17 प्रतिशत), तुर्किये (11 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (10 प्रतिशत) और ताइवान (पांच प्रतिशत) शीर्ष पांच खरीदारों की सूची में शामिल हैं। सभी जीवाश्म ईंधनों को एक साथ लिया जाए, तो भारत नवंबर में रूसी जीवाश्म ईंधन के सबसे बड़े खरीदारों की सूची में तीसरे स्थान पर आ गया। रूस की पांच शीर्ष आयातकों से मासिक आमदनी में भारत का योगदान 17 प्रतिशत रहा। 

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