देश के विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद थोड़ा कम हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 24 मई को समाप्त सप्ताह में 2.03 अरब डॉलर घटकर 646.67 अरब डॉलर रहा। पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.549 बिलियन अमरीकी डॉलर की उछाल के बाद 648.7 बिलियन अमरीकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। डॉलर के संदर्भ में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों के मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है।
स्वर्ण आरक्षित भंडार में भी गिरावट
डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। रिजर्व बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार का मूल्य 48.2 करोड़ डॉलर घटकर 56.71 अरब डॉलर रह गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 3.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.13 अरब डॉलर रहा। रिजर्व बैंक के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत की आरक्षित जमा भी 10 लाख डॉलर घटकर 4.33 अरब डॉलर रहा।
राजकोषीय घाटा 2023-24 में जीडीपी के 5.63 प्रतिशत पर
सरकार का राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष में जीडीपी का 5.63 प्रतिशत रहा। यह केंद्रीय बजट में जताये गये 5.8 प्रतिशत के अनुमान से कुछ कम है। वास्तविक रूप से राजकोषीय घाटा यानी व्यय और राजस्व के बीच अंतर 16.53 लाख करोड़ रुपये रहा। सरकार ने एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट में 2023-24 के संशोधित अनुमान में राजकोषीय घाटा 17.34 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। महालेखा नियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार, सरकार राजस्व संग्रह के लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब रही है। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 2023-24 में 23.36 लाख करोड़ रुपये जबकि व्यय 44.42 लाख करोड़ रुपये रहा।