जाने-माने अर्थशास्त्री एन के सिंह ने कहा है कि दुनिया भारतीय युग की दहलीज की तरफ बढ़ रही है। वास्तव में भारत ने जो 2047 तक विकसित राष्ट्र का लक्ष्य रखा है, आर्थिक वृद्धि दर उस दिशा की ओर जा रही है। इंस्टिट्यूट ऑफ इकनॉमिक ग्रोथ के अध्यक्ष सिंह ने बुधवार शाम लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (LSE) में प्रतिष्ठित मानद फेलोशिप से सम्मानित होने पर अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह नोबेल पुरस्कार से सम्मनित प्रोफेसर अमर्त्य सेन और पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन जैसे भारतीयों की श्रेणी में शामिल होने पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
उच्च आर्थिक ग्रोथ वाली इकोनॉमी है भारत
विश्वविद्यालय ने कहा कि यह सम्मान लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस के साथ सिंह के लंबे समय तक जुड़े रहने और एलएसई के भारत सलाहकार बोर्ड के सह-अध्यक्ष के रूप में अनूठे संबंधों को बेहतर बनाने के उनके प्रयासों की मान्यता है। अपने संबोधन में, 83 वर्षीय सिंह ने देश के गौरवशाली इतिहास का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब भारत आजादी की 100वीं वर्षगांठ की ओर बढ़ रहा है, देश उच्च आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
2047 तक विकसित देश बनेगा भारत
उन्होंने कहा, “यह प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) का तीसरा कार्यकाल है। वह और मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य 2047 तक विकसित भारत के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं…। अगले दो दशक तक, भारत को इस तरह की वृद्धि को बनाए रखने की आवश्यकता है। भारत के विकास की कहानी यह भी दर्शाती है कि लोकतंत्र और विकास एक-दूसरे के लिए नुकसानदायक नहीं हैं।’’ जी-20 द्वारा गठित बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधारों के लिए उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समूह के सह-संयोजक सिंह ने इन संस्थाओं के लिए ‘बेहतर, साहसी और बड़े’ दृष्टिकोण का आह्वान किया है, जो जलवायु संकट से जुड़ी गंभीर चिंताओं का निपटान करेगा। लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के कुलपति लैरी क्रेमर ने कहा, ‘‘यह पहली मानद फेलोशिप है, जिसे मुझे एलएसई अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल में प्रदान करने का सौभाग्य मिला है। मैं इसे हमारे मित्र एन के सिंह को प्रदान करते हुए विशेष रूप से रोमांचित हूं।’’
(भाषा)