देश में नेशनल हाइवे बनाने की स्पीड चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों के दौरान 20.78 किलोमीटर प्रतिदिन रही। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राजमार्ग विकास की गति बनाए रखने और 2023-24 में 12,500 किलोमीटर हाइवे बनाने की योजना बनाई है। मंत्रालय ने मंत्रिमंडल के लिए तैयार अक्टूबर महीने की अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा है कि इस अवधि के दौरान 2,595 किलोमीटर की परियोजनाएं अलॉट की गई। जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 5,007 किलोमीटर था।
अक्टूबर तक कितनी बनी नेशनल हाइवे
खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने 2023-24 में अक्टूबर तक 4,474 किलोमीटर नेशनल हाइवे का निर्माण किया है। पिछले वित्त वर्ष में अक्टूबर तक यह आंकड़ा 4,060 किलोमीटर था। भाषा की खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019-20 में 10,237 किलोमीटर 2020-21 में 13,327 किलोमीटर और 2021-22 में 10,457 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया।
34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारा का लक्ष्य
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इस साल के लिये प्रोजेक्ट अलॉटमेंट के लक्ष्य को पूरा करना है, तो संशोधित भारतमाला फेज -1 या वैकल्पिक कार्यक्रम के अनुमोदन के प्रस्ताव पर निर्णय तेजी से लेना चाहिए। इस वर्ष परियोजना अलॉटमेंट में कमी अगले वित्त वर्ष में निर्माण की गति को प्रभावित करेगी। देश में भारतमाला परियोजना सबसे बड़ा राजमार्ग बुनियादी ढांचा कार्यक्रम है। इसके तहत 5.35 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारा विकसित करने का लक्ष्य है।
550 जिलों को नेशनल हाइवे से जोड़ा जाएगा
देश भर के 550 जिलों को भारतमाला परियोजना से जोड़ा जाएगा। मौजूदा समय में सिर्फ करीब 300 जिले ही नेशनल हाइवे से जुड़े हैं। भारतमाला परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश में सड़कों की स्थिति में सुधार करना है। यह देश के लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) को पेश करेगा। यह एक पैरामीटर है जो ट्रेड और लॉजिस्टिक के संबंध में सामना करने वाली चुनौतियों और अवसरों की पहचान करने में मदद करता है।