कोरोना के बाद वैसे तो देशभर में प्रॉपर्टी की कीमत में असमान उछाल देखने को मिल रहा है लेकिन एनसीआर में नोएडा का अलग ही जलवा है। इस शहर में प्रॉपर्टी की कीमत में आग लगी है। कभी ग्रुरुग्राम में करोड़ों के फ्लैट बिकते थे। अब नोएडा में यह आम बात हो गई है। एनारॉक के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में नोएडा एक्सप्रेसवे के आसपास मकान की कीमत में पिछले पांच वर्षों में 66 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। दूसरी ओर बेंगलुरु के गुंजूर में कीमत 69 फीसदी बढ़ी। रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के आंकड़ों के मुताबिक नोएडा एक्सप्रेसवे के आसपास आवास की औसत कीमत सितंबर 2024 की तिमाही में 8,400 रुपये प्रति वर्ग फुट रही, जो 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फुट थी।
सोहना में कीमत 43 फीसदी बढ़ी
एनसीआर के बाहरी क्षेत्र सोहना में कीमत 43 फीसदी बढ़कर 4,120 रुपये प्रति वर्ग फुट से 5,900 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई। द्वारका एक्सप्रेसवे पर आवास की औसत कीमत में 93 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि हुई। यहां कीमत 5,359 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 10,350 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई। बेंगलुरू के बाहरी क्षेत्र गुंजूर में आवास की कीमत 5,030 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 8,500 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई हैं। वहीं ओवरऑल मांग में गिरावट दर्ज की है। एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) में सालाना आधार पर प्रॉपर्टी की बिक्री -6% घटी है लेकिन कीमत में 30% का बड़ा उछाल आया है।
कीमत बढ़ने से बिक्री घटी
रिपोर्ट के अनुसार, देश के 7 प्रमुख शहरों में इस साल मकानों की बिक्री चार प्रतिशत घटकर करीब 4.6 लाख यूनिट रह जाने का अनुमान है। वहीं मूल्य के हिसाब से बिक्री 16 प्रतिशत बढ़कर 5.68 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है। रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के अनुसार, लैंड, श्रम तथा निर्माण संबंधी कुछ कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के कारण इस वर्ष सात प्रमुख शहरों में औसत आवास की कीमतों में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एनसीआर के अलावे पुणे, चेन्नई,कोलकाता और हैदराबाद में प्रॉपर्टी की मांग गिरी है।