वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि शानदार है और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी वृद्धि की गति जारी रहेगी। शुक्रवार को जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी या मार्च तिमाही में 7.8 प्रतिशत रह सकती है। सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ''यह उल्लेखनीय जीडीपी वृद्धि दर, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।'' उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में 2023-24 के दौरान 9.9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो इस क्षेत्र के लिए मोदी सरकार के प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।
भारत की वृद्धि गति जारी रहेगी
सीतारमण ने कहा कि कई उच्च आवृत्ति संकेतक (जीएसटी संग्रह, बिजली खपत, माल ढुलाई आंकड़े आदि) बताते हैं कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी भारत की वृद्धि गति जारी रहेगी।'' लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान शनिवार को होगा, जबकि परिणाम चार जून को घोषित किए जाएंगे।
सभी अनुमानों और पूर्वानुमानों से ऊपरः अर्थशास्त्री
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार समेत प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2023-24 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रहने की शुक्रवार को सराहना करते हुए कहा कि यह आंकड़ा 'सभी अनुमानों एवं पूर्वानुमानों से ऊपर' है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी-मार्च तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत बढ़ी, जिससे समूचे वित्त वर्ष की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत हो गई। कुमार ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के इस आंकड़े पर कहा कि लगातार तीसरे साल भारत ने बाकी सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ते हुए सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल की है। इस दौरान विनिर्माण और खनन क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई।
दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था
जी-20 समूह में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने भी कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करना जारी रखे हुए है। कांत ने कहा, "यह असाधारण प्रदर्शन भारत की मजबूत आर्थिक गति और लचीलेपन का प्रमाण है।" प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की सदस्य शमिका रवि ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, "एक बार फिर अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8 प्रतिशत बढ़ी और समूचे वित्त वर्ष के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 8.2 प्रतिशत रही। यह एक बार फिर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।"
आशावादी उम्मीदों को भी पीछे छोड़ दिया
क्रिसिल लिमिटेड के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा, "भारत की वृद्धि में उछाल ने अचरज में डालना जारी रखा है। ऐसा कृषि क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के बावजूद हुआ है।" उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने एक बयान में कहा कि जीडीपी वृद्धि ने आशावादी उम्मीदों को भी पीछे छोड़ दिया है और इसके चालू वित्त वर्ष में भी गति बनाए रखने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, "वित्त वर्ष 2024-25 में शुद्ध अप्रत्यक्ष करों में उच्च वृद्धि बने रहने की संभावना नहीं है। इसलिए हमें उम्मीद है कि सालाना आंकड़ों के संदर्भ में जीडीपी और जीवीए वृद्धि दर एक-दूसरे के करीब होंगी।"