Friday, November 22, 2024
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बैंक को पेमेंट एग्रीगेटर से अलग-अलग ऐड होने की जरूरत हो जाएगी खत्म, शुरू होगा नया सिस्टम

पेमेंट एग्रीगेटर एक थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर है जो ग्राहकों को ऑनलाइन भुगतान स्वीकार करने और व्यवसायों को भुगतान स्वीकार करने में सक्षम बनाता है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: March 04, 2024 20:31 IST
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास।- India TV Paisa
Photo:FILE भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि  इंटरनेट बैंकिंग की ईजी पेमेंट सिस्टम की साल 2024 में शुरुआत होने की संभावना है। इससे कारोबारियों को लेन-देन के फौरन निपटान की सुविधा मिलेगी। इंटरनेट बैंकिंग ऑनलाइन पेमेंट लेनदेन के सबसे पुराने तरीकों में से एक है और यह आयकर, बीमा प्रीमियम, म्यूचुअल फंड भुगतान और ई-कॉमर्स जैसे पेमेंट के लिए एक पसंदीदा माध्यम है। भाषा की खबर के मुताबिक, ऐसे ट्रांजैक्शन फिलहाल पेमेंट एग्रीगेटर के जरिये होते हैं। इस लेनदेन में एक बैंक को अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के हर पेमेंट एग्रीगेटर के साथ अलग से संबद्ध होने की जरूरत होती है।

कारोबारियों को आती हैं ऐसी दिक्कतें

खबर के मुताबिक, पेमेंट एग्रीगेटर एक थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर है जो ग्राहकों को ऑनलाइन भुगतान स्वीकार करने और व्यवसायों को भुगतान स्वीकार करने में सक्षम बनाता है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने डिजिटल भुगतान जागरुकता सप्ताह समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कई पेमेंट एग्रीगेटर के होने से एक बैंक के लिए हरेक पेमेंट एग्रीगेटर के साथ इंटीग्रेटेड होना मुश्किल होता है। साथ ही एक पेमेंट सिस्टम के अभाव और ऐसे लेनदेन के लिए अलग नियम होने से व्यापारियों को पेमेंट की राशि अकाउंट में आने में देरी होती है और निपटान जोखिम भी बना रहता है।

नई प्रणाली शुरू होने की उम्मीद

ऐसी बाधाओं को ध्यान में रखते हुए, आरबीआई के 'भुगतान दृष्टिकोण 2025' में इंटरनेट बैंकिंग लेनदेन के लिए एक अंतर-संचालनीय भुगतान प्रणाली की परिकल्पना की गई थी। इसके लिए आरबीआई ने एनपीसीआई भारत बिलपे लिमिटेड (एनबीबीएल) को ऐसी प्रणाली लागू करने की मंजूरी दी थी। दास ने कहा कि हमें चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान इंटरनेट बैंकिंग के लिए यह भुगतान प्रणाली शुरू होने की उम्मीद है। नई प्रणाली से कारोबारियों को धन के तुरंत निपटान की सुविधा होगी। इस उपाय से डिजिटल भुगतान में यूजर्स का भरोसा बढ़ेगा।

यूपीआई सबसे ज्यादा चर्चित

दास ने कहा कि देश की प्रमुख भुगतान प्रणाली 'यूपीआई' न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा चर्चित त्वरित भुगतान प्रणाली बन गई है। डिजिटल भुगतान में यूपीआई की हिस्सेदारी 2023 में 80 प्रतिशत के करीब पहुंच गई। वृहद स्तर पर, यूपीआई लेनदेन की संख्या कैलेंडर वर्ष 2017 के 43 करोड़ से बढ़कर 2023 में 11,761 करोड़ हो गई। यूपीआई के जरिये एक दिन में लगभग 42 करोड़ लेनदेन किए जा रहे हैं। दास ने कहा कि डिजिटल भुगतान में भरोसा पारदर्शिता, इस्तेमाल में आसानी और सबसे बढ़कर सुरक्षा के दम पर पैदा हुआ है। ऐसे में भुगतान प्रणाली की सुरक्षा और सुरक्षा की धारणा को मजबूत करना बहुत महत्वपूर्ण है।

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