फिनटेक कंपनी भारतपे और उसके को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच लंबे समय से चली आ रही लड़ाई आखिरकार खत्म हो गई है। भारतपे ने अशनीर ग्रोवर के साथ समझौता कर लिया है। इसके साथ ही दोनों पक्षों के बीच महीनों से जारी कानूनी और सार्वजनिक विवाद अब खत्म हो गया है। दोनों पक्षों की तरफ से सोमवार को ये जानकारी दी गई।
भारतपे के साथ खत्म होंगे अशनीर ग्रोवर के सभी रिश्ते
दोनों पक्षों के बीच हुए इस समझौते के तहत अशनीर ग्रोवर अब किसी भी रूप में, किसी भी पद पर भारतपे के साथ नहीं जुड़ेंगे। इतना ही नहीं, अशनीर ग्रोवर के पास अब भारतपे में कोई हिस्सेदारी भी नहीं होगी। भारतपे और अशनीर ग्रोवर ने अलग-अलग बयानों में कहा कि ग्रोवर अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा भारतपे के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को ट्रांसफर करेंगे और बाकी की हिस्सेदारी को फैमिली ट्रस्ट मैनेज करेगी। इससे वो कंपनी से पूरी तरह अलग हो जाएंगे।
कोई भी आगे नहीं बढ़ाएगा कानूनी मामले
अशनीर ग्रोवर और भारतपे के बीच इस बात पर भी समझौता हुआ है कि दोनों पक्षों में से अब कोई भी कानूनी मामलों को आगे नहीं बढ़ाएगा। ये समझौता दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा भारतपे के फंड के दुरुपयोग के आरोप में दीपक गुप्ता को गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिन बाद हुआ है। बताते चलें कि दीपक गुप्ता, अशनीर ग्रोवर की पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर की बहन के पति हैं।
भारतपे ने बयान में कहा, ‘‘ ग्रोवर के कुछ शेयर कंपनी के प्रॉफिट के लिए ‘रेसिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट’ को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे और उनके बाकी के शेयरों का मैनेजमेंट उनके फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है।’’
साल 2018 में शास्वत नकरानी के साथ शुरू की थी कंपनी
बताते चलें कि अशनीर ग्रोवर और शास्वत नकरानी ने साल 2018 में भारतपे (BharatPe) की स्थापना की थी। पिछले साल मार्च में भारतपे के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने अशनीर ग्रोवर को कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से हटा दिया था। जिसके बाद से ही कंपनी और अशनीर ग्रोवर के बीच लगातार कानूनी विवाद चल रहा था। हालांकि, आज दोनों पक्षों के बीच चली आ रही लंबी कानूनी लड़ाई खत्म हो गई।