पिछले काफी समय से बाकी सब्जियों सहित टमाटर के आसमानी भाव ने किचन के जायके को फीका कर रखा है। लेकिन अब आपके लिए किचन में टमाटर के साथ खाने में तड़का लगाना सस्ता पड़ने वाला है। दरअसल, सरकार आम लोगों को राहत देने के लिए दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों और मुंबई के खुदरा बाजारों में सस्ती दर पर टमाटर बेचेगी। भाषा की खबर के मुताबिक, टमाटर की बिक्री शुक्रवार से 50 रुपये प्रति किलो के भाव पर की जाएगी। अभी इसे 60 रुपये किलो के भाव पर बेचा जा रहा है। देश के कई बाजार में फिलहाल टमाटर की खुदरा कीमत 70-100 रुपये किलो तक है।
पहली दिल्ली फिर मुंबई में बिक्री हुई शुरू
खबर के मुताबिक, केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में 60 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर टमाटर की बिक्री शुरू की थी। बाद में इसकी बिक्री मुंबई में भी शुरू की गई। जोशी ने कहा कि हमारे हस्तक्षेप के बाद टमाटर की कीमतें कम हुई हैं। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि हम कल यानी 2 अगस्त से राष्ट्रीय क्षेत्र दिल्ली और मुंबई में 50 रुपये प्रति किलो की दर पर टमाटर बेचना शुरू करेंगे।
दिल्ली में बुधवार को औसत कीमत 70 रुपये प्रति किलो थी
नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लि.(एनसीसीएफ) मोबाइल वैन के जरिये टमाटर बेच रहा है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 31 जुलाई को टमाटर की अखिल भारतीय औसत कीमत 61.74 रुपये प्रति किलोग्राम थी। दिल्ली में बुधवार को औसत कीमत 70 रुपये प्रति किलो थी। पिछले महीने, टमाटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो गई थी। दाम बढ़ने के पीछे कई उत्पादक राज्यों में गर्मी और अनियमित बारिश के कारण सप्लाई का प्रभावित होना है। खरे ने कहा कि मंत्रालय दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अपने ‘सफल’ स्टोर के जरिये टमाटर बेचने के लिए मदर डेयरी को शामिल करने पर विचार करेगा।
खुदरा स्तर पर प्रॉफिट मार्जिन उचित बनाए रखने की कोशिश
मंत्रालय ने मूल्य स्थिरीकरण निधि (पीएसएफ) का इस्तेमाल नहीं किया है क्योंकि टमाटर सीधे मंडियों से खरीदे गए हैं। फेडरेशन थोक बाजार से टमाटर खरीद रहा है और उन्हें उचित खुदरा कीमतों पर बेच रहा है। सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि खुदरा स्तर पर प्रॉफिट मार्जिन उचित बना रहे और बिचौलियों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ को रोका जा सके और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो सके।