Friday, November 15, 2024
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सीनियर सिटीजन के लिए सरकार नई पॉलिसी लेकर आएगी, जानें 2050 तक कितनी होगी बुजुर्गों की संख्या

मौजूदा समय में भारत के सिर्फ 5 प्रतिशत बुजुर्गों को संस्थागत देखभाल तक पहुंच है, और आधे से अधिक सामाजिक सुरक्षा के बिना रहते हैं। बुजुर्गों की स्वास्थ्य सेवाओं में भी महत्वपूर्ण अंतर के साथ - प्रति 1,000 बुजुर्गों पर 0.7 अस्पताल के बिस्तर से भी कम है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: November 15, 2024 6:55 IST
व्यापक वरिष्ठ देखभाल समाधानों की मांग में जबरदस्त तरीके से बढ़ोतरी होने वाली है।- India TV Paisa
Photo:FILE व्यापक वरिष्ठ देखभाल समाधानों की मांग में जबरदस्त तरीके से बढ़ोतरी होने वाली है।

वरिष्ठ नागरिकों (सीनियर सिटीजन) के लिए सरकार जल्द ही नई पॉलिसी लेकर आएगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव अमित यादव ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय ने सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर लिया है। वह बीते गुरुवार को एसोसिएशन ऑफ सीनियर लिविंग इंडिया (एएसएलआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। एसोसिएशन 6 दिसंबर, 2024 को बेंगलुरु में 5वां एएसएलआई एजिंग फेस्ट आयोजित करेगा।

वरिष्ठ नागरिकों की आबादी 2050 तक इतनी होगी

खबर के मुताबिक, सचिव ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आय की परवाह किए बिना 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने के सरकार के फैसले पर प्रकाश डाला। पीटीआई की खबर के मुताबिक, एएसएलआई के चेयरमैन और अंतरा सीनियर केयर के एमडी और सीईओ राजित मेहता ने कहा कि भारत में वरिष्ठ नागरिकों की आबादी 2050 तक 30 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है, जो कुल आबादी का लगभग 20 प्रतिशत है।

प्रति 1,000 बुजुर्गों पर 0.7 अस्पताल के बिस्तर से भी कम

इसको ध्यान में रखते हुए व्यापक वरिष्ठ देखभाल समाधानों की मांग में जबरदस्त तरीके से बढ़ोतरी होने वाली है। मेहता ने कहा कि मौजूदा समय में भारत के सिर्फ 5 प्रतिशत बुजुर्गों को संस्थागत देखभाल तक पहुंच है, और आधे से अधिक सामाजिक सुरक्षा के बिना रहते हैं। बुजुर्गों की स्वास्थ्य सेवाओं में भी महत्वपूर्ण अंतर के साथ - प्रति 1,000 बुजुर्गों पर 0.7 अस्पताल के बिस्तर से भी कम है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम समावेशी, सुलभ और टिकाऊ वरिष्ठ देखभाल मॉडल बनाएं।

किफायती वरिष्ठ आवास परियोजना लाना मुश्किल

एएसएलआई के चेयरमैन ने कहा कि स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवा पर मुख्य ध्यान दिया जाना चाहिए, जो सुरक्षा, आराम और सामुदायिक समर्थन को प्राथमिकता देने वाले आवास समाधानों के साथ सहजता से एकीकृत हो। एएसएलआई के सह-संस्थापक और आशियाना हाउसिंग के संयुक्त प्रबंध निदेशक अंकुर गुप्ता ने कहा कि सिविल निर्माण के अलावा स्वास्थ्य सहित सेवाओं की लागत के कारण किफायती वरिष्ठ आवास परियोजना लाना मुश्किल है।

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