प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने शुक्रवार को प्याज के निर्यात के लिए पहले तय की गई न्यूनतम मूल्य सीमा (MEP) को तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज की अधिकता के बीच भारतीय किसानों को मौजूदा स्थितियों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
प्याज के निर्यात के लिए तय की गई थी 550 डॉलर प्रति टन की लिमिट
बताते चलें कि सरकार ने पहले न्यूनतम निर्यात मूल्य के तौर पर 550 डॉलर प्रति टन की लिमिट तय की थी। इसका मतलब ये था कि किसान इस भाव से कम कीमत पर अपनी उपज विदेश में नहीं बेच सकते थे। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक नोटिफिकेशन जारी कर प्याज के निर्यात के लिए तय किए गए एमईपी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। सरकार के इस फैसले से अब देश के किसान विदेशों में अपने प्याज का निर्यात बढ़ा सकेंगे और अपने हिसाब से किसी भी दाम पर निर्यात कर मोटा मुनाफा भी कमा सकेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले लिया गया फैसला
ये कदम महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले उठाया गया है, जो प्याज का प्रमुख उत्पादक राज्य है। इस कदम से प्याज के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। डीजीएफटी ने अपने नोटिफिकेशन में कहा, ‘‘प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक हटा दी गई है।’’
देशभर में प्याज के ऊंचे भाव से परेशान आम लोग
बताते चलें कि देशभर में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे आम लोगों का बजट बिगड़ गया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में प्याज का भाव 50 रुपये से 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। जबकि बड़े शहरों के प्रीमियम मार्केट में एक किलो प्याज के दाम 80 रुपये तक पहुंच गए हैं। आम लोगों को प्याज की ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए केंद्र सरकार 35 रुपये के भाव पर प्याज की बिक्री कर रही है।