कॉमर्शियल खदानों की नीलामी के 10वें दौर के तहत बिक्री के लिए रखे गए 67 कोयला ब्लॉकों के लिए 44 बोलियां हासिल हुई हैं। सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कुल 44 बोलियां भौतिक रूप में प्रस्तुत की गईं। कोयला मंत्रालय ने जून में कॉमर्शियल खदानों की नीलामी के 10वें दौर के तहत 67 कोयला खदानों को बिक्री के लिए रखा था। पीटीआई की खबर के मुताबिक, कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बोलियों की पर्याप्त संख्या भारत के उभरते कोयला क्षेत्र में हितधारकों की निरंतर रुचि और भागीदारी को रेखांकित करती है।
उद्योग जगत में अच्छी प्रतिक्रिया मिली
खबर के मुताबिक, नीलामी प्रक्रिया में छोटे और मध्यम आकार के खिलाड़ियों की काफी भागीदारी हुई है, जो नीलामी प्रक्रिया की समावेशी प्रकृति को दर्शाता है। यह समावेशिता इस बात पर प्रकाश डालती है कि कोयला क्षेत्र में सुधारों को उद्योग जगत में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, चाहे खिलाड़ियों का आकार कुछ भी हो। नीलामी प्रक्रिया के दौरान प्राप्त ऑनलाइन बोलियों के साथ-साथ ऑफलाइन बोलियां सोमवार को खोली जाएंगी।
आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
नीलामी के इस दौर को मिली मजबूत प्रतिक्रिया देश को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह सरकार के आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण के मुताबिक है। विविध प्रकार के प्रतिभागियों को शामिल करके, केंद्र का लक्ष्य कोयला उत्पादन को और बढ़ाना है, विभिन्न क्षेत्रों के लिए शुष्क ईंधन की विश्वसनीय सप्लाई सुनिश्चित करना है, जिससे ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। कोयला मंत्रालय कोयला क्षेत्र के लिए एक गतिशील और प्रतिस्पर्धी माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि अर्थव्यवस्था की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए कोयला संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
सरकार ने दो महीने पहले कहा था कि खनन संचालकों-सह-डेवलपर्स के माध्यम से संचालित किए जाने के लिए चिन्हित 28 कोयला खनन परियोजनाओं में से 18 खदानें अग्रणी निजी फर्मों को दी गई हैं। इन खनन डेवलपर्स-सह-ऑपरेटर्स (एमडीओ) की भागीदारी से कोयला उत्पादन में पर्याप्त योगदान मिलने की उम्मीद है, जिससे उत्पादन में वृद्धि और परिचालन उत्कृष्टता दोनों सुनिश्चित होगी।